जसवंत की किताब से प्रतिबंध हटा
कोर्ट ने राज्य सरकार के फैसले को मौलिक अधिकारों का हनन बताते हुए कहा कि सरकार आरोपों को सिद्ध करने में नाकाम रही है। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि लगता है गुजरात सरकार ने पुस्तक को पढ़े बिना ही उसपर पाबंदी लगा दी, जो कि गलत है।
गुजरात सरकार का तर्क था कि पुस्तक में लेखक ने लौहपुरुष सरदार पटेल के बारे में अनर्गल बातें कही हैं। कोर्ट के द्वारा प्रतिबंध हटाया जाना गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक बड़ी हार है जबकि जसवंत सिंह के लिए एक बड़ी जीत।
जिस दिन किताब को मोदी ने प्रतिबंधित किया था, उस दिन सिंह ने कहा था कि यह किताब पर प्रतिबंध नहीं बल्कि सोच पर प्रतिबंध है। सिंह ने अपनी किताब के प्रतिबंध की तुलना सलमान रुश्दी की किताब सटेनिक वर्सेज के प्रतिबंध से की थी। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने 18 अगस्त को किताब पर बैन लगा दिया था जबकि पुस्तक का विमोचन इससे दो दिन पहले ही हुआ था।