'तेल मंत्रालय की नीतियों से विदेशी निवेशक दूर'
समूह ने आरोप लगाया कि पिछले तीन वर्षो से नई अन्वेषण नीति के तहत हुई नीलामी से देश के तेल क्षेत्र में किसी भी विदेशी निवेश को आकर्षित करने में तेल मंत्रालय की विफलता स्पष्ट हो गई है।
हाइड्रोकार्बन्स के महानिदेशक वी.के.सिब्बल के साक्षात्कार पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रिलायंस पॉवर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जे.पी.चलसानी ने कहा, "प्राथमिक रूप से इसका कारण परिभाषित, पारदर्शी और निरंतर नीति का अभाव है।"
उन्होंने कहा कि दुनिया की शीर्ष पांच तेल कंपनियों में से किसी ने भी इसमें हिस्सा नहीं लिया।
उल्लेखनीय है कि तेल मंत्रालय के नियामक ने एक साक्षात्कार में कहा था कि कृष्णा-गोदावरी क्षेत्र की गैस पर उठे विवाद से तेल क्षेत्र में निवेश स्थल के रूप में भारत की छवि धूमिल होगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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