अनाज और दालों का समर्थन मूल्य बढ़ा (राउंडअप)
नई दिल्ली, 20 अगस्त (आईएएनएस)। देश के आधे हिस्से में सूखा घोषित होने के बाद सरकार ने गुरुवार को धान के समर्थन मूल्य में प्रति क्विं टल 100 रुपये और दालों के मूल्य में प्रति क्विं टल 300 रुपये की वृद्धि की घोषणा की।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक के बाद पत्रकारों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए चिदंबरम ने कहा कि सरकार के पास अगले 13 महीनों के लिए खाद्यान्नों का पर्याप्त भंडार है।
उन्होंने कहा कि सूखे से उत्पन्न स्थिति को नियंत्रित करने के लिए उपयुक्त कदम उठाए जाएंगे और किसानों को राहत देने के मकसद से अनाजों और दालों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया जाएगा।
गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने धान के मूल्य में प्रति क्विं टल 100 रुपये और दालों के मूल्य में प्रति क्विं टल 300 रुपये की वृद्धि की घोषणा करते हुए संवाददाताओं से कहा,"हम चरण दर चरण कदम उठा रहे हैं। यह लगातार बदलती हुई स्थिति है और सरकार उचित तरीके से प्रतिक्रिया व्यक्त करेगी।"
इस वृद्धि के बाद अब सामान्य धान का मूल्य 850 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 950 रुपये प्रति क्विंटल होगा और उच्च किस्म के धान का मूल्य 880 की जगह 980 रुपये प्रति क्विं टल होगा।
चिदंबरम ने कहा, "सूखे से स्थिति में लगातार परिवर्तन हो रहा है। न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि से किसानों को राहत मिलेगी।"
दालों का समर्थन मूल्य बढ़ने से अब तूर की दाल का मूल्य 2,000 रुपये की जगह 2,300 रुपये प्रति क्विं टल, मूंग की दाल का मूल्य 2,520 रुपये के स्थान पर 2,760 रुपये प्रति क्विं टल और तिलहन का मूल्य 2,750 रुपये की बजाय अब 2,850 रुपये प्रति क्विं टल होगा।
उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सभी कदम उठाने की घोषणा कर चुकी है। न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों को राहत देने का एक तरीका है।
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार किसानों के कर्ज माफ करने की कोई नई योजना लाएगी, चिदंबरम ने जवाब दिया, "मैं केवल पूर्व वित्तमंत्री हूं। मैं नहीं जानता।"
जमाखोरी रोकने के संबंध में उठाए गए कदमों के बारे में पूछे जाने पर चिदंबरम ने कहा कि राज्यों को इसे रोकने की सलाह दी गई है।
उन्होंने जमाखोरों से 30,000 टन चीनी जब्त करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार की प्रशंसा भी की।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।