गोटमार मेले की पत्थरबाजी पर रोक
छिंदवाड़ा जिले के पंढुर्ना में हिंदू कैलेंडर के मुताबिक भाद्रपद अमावस्या के अगले दिन गोटमार मेला लगता है। इस मेले में पंढुर्ना और सावरगांव के लोग जमुना नदी के दोनों ओर इकट्ठा होकर एक दूसरे पर पत्थरबाजी करते हैं। नदी के बीचों बीच एक पताका लगाई जाती है जिसे हासिल करना दोनों टीमों का लक्ष्य होता है। वषों से चली आ रही इस परम्परा के चलते हर साल सैकड़ों लोग पत्थरबाजी में घायल होते हैं।
मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने गोटमार मेलें की पत्थरबाजी को अमानवीय करार देते हुए रोक लगाने के जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं। यह मेला 21 अगस्त को भरने वाला है। इसे ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने पंढुर्ना और सावरगांव के लोगों को हिदायत दी है कि वे मेले में तो जाएं परंतु पत्थरबाजी न करें।
पंढुर्ना के अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) राजेन्द्र कुमार पांडे ने गुरुवार को आईएएनएस को बताया कि आयोजन स्थल पर निषेधाज्ञा धारा 144 लागू कर दी गई है और पुलिस बल तैनात है।
इतना ही नहीं प्रशासन ने आयोजन स्थल पर जमा किए गए पत्थरों को हटा दिया है और पूरे क्षेत्र को पत्थर विहीन करने की कोशिश की गई है। साथ ही प्रशासन की ओर से जन जागृति अभियान चलाया जा रहा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।