अफगानिस्तान चुनाव : रॉकेट हमले थमने के बाद मतदान में आई तेजी (लीड-3)

By Staff
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समाचार एजेंसी डीपीए के अनुसार कुछ मतदान केंद्रों के बाहर सैकड़ों मतदाताओं की कतारे देखी गईं। इससे पहले सुरक्षा बलों ने एक आत्मघाती हमलावर को मार गिराया और मतदान केंद्रों में दाखिल होने की कोशिश कर रहे दो आत्मघाती हमलावरों को अपने कब्जे में ले लिया।

चुनावों के दौरान अफगान सुरक्षा बलों के 200,000 कर्मी और 100,000 से ज्यादा विदेशी सैनिक तैनात हैं। मतदान की शुरुआत के दौरान हुई कुछ हिंसक गतिविधियों में कुछ लोग मारे गए।

राष्ट्रपति हामिद करजई फिर से चुनाव मैदान में हैं। उन्होंने अपने सरकारी आवास के समीप एक मतदान केंद्र पर जाकर वोट डाला और देशवासियों से निर्भय होकर घरों से बाहर निकलने और वोट डालने का अनुरोध किया। दो महिला प्रत्याशियों समेत 30 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। यहां 1.7 करोड़ मतदाता है।

पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह, पूर्व वित्त मंत्री अशरफ घानी और पूर्व योजना मंत्री रमजान बशरदोस्त भी मैदान में हैं। ये तीनों करजई सरकार में ही मंत्री थे।अफगानिस्तान पर 2001 में अमेरिकी नेतृत्व में हुए हमलों के बाद यह दूसरा मौका है जब राष्ट्रपति चुनने के लिए प्रत्यक्ष मतदान हो रहा है।

मतदान स्थानीय समयानुसार सुबह सात बजे आरंभ हुआ और यह शाम चार बजे तक चलेगा। काबुल मतदान का शुरुआती आंकड़ा वर्ष 2004 के चुनाव की तुलना में तीन से चार गुना कम रहा। माना जा रहा है कि मतदान के आंकड़ों में कमी की वजह आतंकवादी हमले का खतरा रही।

अफगान अधिकारियों ने कम से कम चार प्रांतों की राजधानियों में रॉकेट हमलों की पुष्टि की है। लेकिन इनमें किसी की मौत की खबर नहीं है। काबुल में भी छिटपुट गोलीबारी की खबर है।

कंधार सूबे की राजधानी में मतदाता बातचीत करने या वोट डालने के बाद अपनी उंगली का निशान देखने के इच्छुक नहीं दिखे। तालिबानी आतंकवादियों ने वोट डालने वालों का गला और उंगलियां काट देने की धमकी दे रखी है।

पुलिस ने बताया कि कम से कम 10 धमाके हुए और 12 देसी बम निष्क्रिय किए गए। दोपहर होते-होते धमाकों में कमी आई और मतदान की गति ने रफ्तार पकड़ी। सड़कों पर यातायात की इजाजत नहीं दी थी। सिर्फ सुरक्षा बलों के वाहनों और एंबुलेंस को ही गुजरने की अनुमति दी गई।

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता आहिर आजिमी ने बताया कि सूबों से मिली रपटों से पता चलता है कि लोग हिसा से नहीं डरे और उन्होंने अफगानिस्तान के हालात को सामान्य बताया।

चुनाव पर्यवेक्षक थॉमस रटिंग ने कहा कि मतदाताओं की संख्या के मामले में तस्वीर मिली-जुली रही। एक सूबे में तालिबानियों ने मतदाताओं को मतदान से रोकने के लिए सड़कों पर अवरोध लगा दिया।

आजिमी ने बताया कि सूबे की राजधानी गार्देज में आत्मघाती हमलावर मतदान केंद्र में दाखिल होने का प्रयास करते मारा गया। तब तक वहां मतदान की गति अच्छी थी।

उत्तरी तखार सूबे के पुलिस प्रमुख जियाउद्दीन महमूदी ने बताया कि मतदान केंद्रों में दाखिल होने की कोशिश कर रहे आत्मघाती हमलावरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

गुरुवार सुबह उत्तरी बाघलान सूबे के एक जिले का पुलिस प्रमुख एक हमले में मारा गया।

तालिबान प्रवक्ता जैबुल्लाह मुजाहिद ने एक बयान में कहा है कि तालिबानी आतंकवादियों ने कम से कम 16 मतदान केंद्रों पर हमले किए। लेकिन सरकारी अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की।

राष्ट्रपति चुनने के अलावा 34 प्रांतों की प्रांतीय परिषदों के 420 सदस्यों का भी चुनाव कर रहे हैं। यहां 6,500 से ज्यादा मतदान केंद्र बनाए गए हैं और 2,000 विदेशी पर्यवेक्षकों सहित 270,000 से अधिक पर्यवेक्षक इस चुनाव में नजर रखे हुए हैं। चुनाव नतीजे 48 घंटों के भीतर घोषित किए जाने की संभावना है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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