अफगानिस्तान चुनाव : शहरों पर रॉकेटों से हमला, धीमा मतदान (लीड-2)

By Staff
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समाचार एजेंसी डीपीए के अनुसार कुंदूज प्रांत के गवर्नर के प्रवक्ता महबूबुल्लाह सैयदी ने बताया कि कुंदूज शहर के एक मतदान केंद्र के समीप गुरुवार सुबह दो रॉकेट आकर गिरे। उन्होंने बताया कि इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ लेकिन शहर में मौजूद डीपीए के एक संवाददाता ने एक घायल बच्चे और हमले में एक स्कूल की इमारत के तबाह होने की जानकारी दी। इस स्कूल को मतदान केंद्र बनाया गया था।

उत्तरी तखार सूबे के पुलिस मुख्यालय के समीप एक बम विस्फोट हुआ। सूबे के पुलिस प्रमुख जियाउद्दीन महमूदी ने बताया कि इस विस्फोट में कोई हताहत नहीं हुआ लेकिन पुलिस स्टेशन की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई।

उन्होंने बताया कि फरखार जिले के एक मतदान केंद्र में दाखिल होने की कोशिश कर रहे आत्मघाती हमलावरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

गुरुवार सुबह उत्तरी बाघलान सूबे के एक जिले का पुलिस प्रमुख एक हमले में मारा गया।

दक्षिणी कंधार सूबे में कम से कम दो रॉकेट आकर गिरे लेकिन इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ। सूबे के गवर्नर तूरयाली वेसा ने अपना मत डालने के बाद संवाददाताओं को यह जानकारी दी।

दक्षिणी हेलमंद सूबे की राजधानी में रॉकेट हमले में कम से कम दो नागरिक घायल हो गए।

तालिबान प्रवक्ता जैबुल्लाह मुजाहिद ने एक बयान में कहा है कि तालिबानी आतंकवादियों ने कम से कम 16 मतदान केंद्रों पर हमले किए। लेकिन सरकारी अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की।

तालिबानियों ने बार-बार अफगान नागरिकों को चेतावदी है कि वे मतदान नहीं करें। उन्होंने धमकी दी है कि जो भी वोट डालने जाएगा वे उसका गला और उंगलियां काट डालेंगे।

मतदान स्थानीय समयानुसार सुबह सात बजे आरंभ हुआ और यह शाम चार बजे तक चलेगा। मतदान का शुरुआती आंकड़ा वर्ष 2004 के चुनाव की तुलना में तीन से चार गुना कम है। माना जा रहा है कि मतदान के आंकड़ों में कमी की वजह आतंकवादी हमले का खतरा है। राजनीतिक विश्लेषक हारून मीर का कहना है कि दिन में मतदान करने वालों की संख्या में वृद्धि हो सकती है।

वर्तमान राष्ट्रपति हामिद करजई ने अपने सरकारी आवास के समीप एक मतदान केंद्र पर जाकर वोट डाला। उन्होंने देशवासियों से निर्भय होकर घरों से बाहर निकलने और वोट डालने का अनुरोध किया।

राष्ट्रपति करजई फिर से सत्तासीन होने के प्रयास में हैं। अफगानिस्तान पर 2001 में अमेरिकी नेतृत्व में हुए हमलों के बाद यह दूसरा मौका है जब राष्ट्रपति चुनने के लिए प्रत्यक्ष मतदान हो रहा है। पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह, पूर्व वित्त मंत्री अशरफ घानी और पूर्व योजना मंत्री रमजान बशरदोस्त भी मैदान में हैं। ये तीनों करजई सरकार में ही मंत्री थे।

राष्ट्रपति चुनने के अलावा लगभग 1.7 करोड़ मतदाता 34 प्रांतों की प्रांतीय परिषदों के 420 सदस्यों का भी चुनाव कर रहे हैं। यहां 6,500 से ज्यादा मतदान केंद्र बनाए गए हैं और 2,000 विदेशी पर्यवेक्षकों सहित 270,000 से अधिक पर्यवेक्षक इस चुनाव में नजर रखे हुए हैं।

चुनाव नतीजे 48 घंटों के भीतर घोषित किए जाने की संभावना है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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