यूपी में बाढ़ का कहर जारी, 7 की मौत
बहराइच, सिद्धार्थनगर, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, सीतापुर, श्रावस्ती, कुशीनगर और सिद्धार्थनगर जिलों में बहने वाली घाघरा, सरयू, शारदा, राप्ती, बूढ़ी राप्ती, गंडक और घोघी नदियां या तो खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं या खतरे के निशान तक पहुंचने वाली हैं। इससे इन जिलों के सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए हैं।
घाघरा सरयु, शारदा उफानाईं
बहराइच के जिलाधिकारी सुभाष चंद्र शर्मा ने गुरुवार को बताया कि महसी तहसील में चार लोगों की डूबकर मौत हो गई है। जिले की चार तहसीलों में से तीन बाढ़ से प्रभावित हैं। घाघरा, सरयू और शारदा नदियों के जलस्तर में लगभग हर घंटे दो सेंटीमीटर की बढ़ोतरी देखी जा रही है।
शर्मा ने बताया कि प्रशासन ने हाई अलर्ट घोषित कर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। बचाव कार्यो में प्रांतीय सशत्र बल (पीएसी) की मदद ली जा रही है और प्रभावित लोगों को मोटरबोट तथा नौकाओं की मदद से सुरक्षित स्थानों की तरफ ले जाया जा रहा है। यहां पर करीब 200 गांव पूरी तरह डूब चुके हैं, जिससे एक लाख से अधिक लोग बेघर हो गए हैं।
रेल यातायात प्रभावित
लखीमपुर खीरी के जिलाधिकारी समीर वर्मा ने बताया कि पलिया तहसील में तीन बच्चों की डूबकर मौत हो गई। पीएसी के जवानों की मदद से बाढ़ प्रभावित गांवों में राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि जिले में शारदा और नेपाल से आने वाली सुहेली और मोहाना नदियों के उफान पर आने से करीब 200 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। गोंडा-मैलानी रेलमार्ग पर मिंहीपुरवा के निकट रेलवे ट्रैक में पानी भर जाने के कारण रेलगाड़ियों का आवागमन रोक दिया गया है।
बहराइच की तरह ही सिद्धार्थनगर में बूढ़ी राप्ती, बाणगंगा और घोघी नदी, सीतापुर में घाघरा नदी, पीलीभीत में शारदा, श्रावस्ती में राप्ती व सरयू नदी और कुशीनगर में गंडक नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।