अभी भी बहुत कुछ करना बाकी हैं कोसी क्षेत्र के लिए
कोसी क्षेत्र के लोगों का कहना है कि बाढ़ के बाद कुछ महीने तक ही राज्य सरकार ने उनकी ओर ध्यान दिया। मधेपुरा जिले के छातापुर प्रखंड के गजेन्द्र कुमार साह बताते हैं कि सरकार ने जितनी राहत दी उससे खुश रहा जा सकता है लेकिन अभी भी यहां बिजली की व्यवस्था दुरूस्त नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि कोसी पीड़ितों को राहत के नाम पर दो बार आर्थिक मदद दी गई लेकिन उसमें भी सैकड़ों लोग छूट गए।
मधेपुरा के बिजेन्द्र कुमार बताते है कि बाढ़ की तबाही के करीब एक वर्ष पूरे हो गए हैं लेकिन मधेपुरा-पूर्णिया राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 107 पर भारी वाहनों का आवागमन अब तक ठप्प है। राज्य सरकार भी मानती है कि कोसी क्षेत्र में अभी भी बहुत कुछ किया जाना शेष है।
राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री देवेश ठाकुर का कहना है कि राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावित सभी किसानों को फसल के हर्जाने की राशि उपलब्ध करा दी है। उन्होंने बताया कि आधारभूत संरचना के लिए केन्द्र सरकार को कोसी पुनर्वास के लिए करीब 14,000 करोड़ रुपए का पैकेज मुहैया कराने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है लेकिन अब तक इस प्रस्ताव का कोई जबाब नहीं मिला है।
वैसे कोसी क्षेत्र के लोग नेपाल स्थित कुसहा तटबंध की मरम्मत से खुश अवश्य हैं लेकिन अभी भी पिछले वर्ष के मंजर को याद कर यहां के लोग भयभीत हो जाते हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष कुसहा तटबंध टूटने से कोसी में आई प्रलंयकारी बाढ़ ने राज्य के सुपौल, मधेपुरा, सहरसा, अररिया और पूर्णिया जिलों में तबाही मचा दी थी। बाढ़ से पांच जिलों के 35 प्रखंडों की 412 पंचायतों के करीब 34 लाख लोग प्रभावित हुए थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।