सर्वोच्च न्यायालय का सोहराबुद्दीन के परिजनों को राहत का आदेश (लीड-1)
न्यायाधीश तरुण चटर्जी और अफताब आलम की खंडपीठ ने वित्तीय राहत का आदेश देने के साथ ही मामले की जांच को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई)के पूर्व निदेशक आर.के.राघवन के नेतृत्व वाली एक विशेष जांच समिति को सौंपने के मुद्दे पर सुनवाई को दो सितम्बर तक के लिए स्थगित कर दिया।
गुजरात सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी के 10 लाख रुपये के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए पीठ ने मृतक के रिश्तेदारों को एक हफ्ते के भीतर यह रकम उपलब्ध कराने को कहा।
राज्य सरकार पहले ही सोहराबुद्दीन और उसकी पत्नी कौसर बी की नवंबर 2005 में हुई हत्या के मामले में कुछ पुलिस अधिकारियों की आपराधिक जिम्मेदारी स्वीकार कर चुकी है।
न्यायालय ने यह आदेश सोहराबुद्दीन के गंभीर रूप से बीमार भाई रूबाबुद्दीन शेख की याचिका पर दिया है जो मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग कर रहा है।
यद्यपि रूबाबुद्दीन के वकील दुष्यंत देव ने मुआवजे को स्वीकार कर लिया फिर भी न्यायाधीश आलम चाहते थे कि सरकार मुआवजे की रकम बढ़ाए।
देव ने इससे पहले न्यायालय को बताया कि रूबाबुद्दीन में कैंसर का स्तर लाइलाज हो गया है। उन्होंने सोहराबुद्दीन के साथ मारे गए तुलसी प्रजापति के परिजनों को भी अधिक मुआवजा देने की मांग की लेकिन पीठ ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।