पहली दफा संसद पहुंचे सदस्यों को अब है शीतकालीन सत्र का इंतजार
नई दिल्ली, 11 अगस्त (आईएएनएस)। पहली बार लोकसभा पहुंचे अधिकांश सदस्यों ने हाल ही में खत्म हुए संसद के बजट अधिवेशन में चुप्पी बरतना और अधिक से अधिक सुनने के फार्मूले को अपनाया। अब इन सांसदों को इंतजार है संसद के शीतकालीन सत्र का ताकि उसमें वे अधिक से अधिक मुखर होकर बोल सकें।
क्रिकेट की दुनिया से राजनीति में आए मोहम्मद अजहरूद्दीन भी पहली बार संसद पहुंचे हैं। उन्होंने सदन में अपना अधिक से अधिक समय वरिष्ठ नेताओं को सुनने और संसदीय कार्यवाही सीखने में लगाया।
अजहरूद्दीन कहते हैं, "यह शानदार अनुभव रहा। हमारे लिए बीता सत्र सीखने का मौका था। मुझे उम्मीद है कि शीतकालीन सत्र में मैं अच्छा प्रदर्शन कर सकूंगा।"
उनका मानना है कि अधिक से अधिक संसदीय कार्यवाही में भाग लेने से क्षेत्र की समस्याओं को सुलझाना उनके लिए कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, "पिछले सत्र में मैंने बहुत अधिक सवाल नहीं पूछे। हालांकि मैं चाहता तो पूछ सकता था लेकिन मेरा मानना है कि सिर्फ सवाल पूछ कर आप अपने क्षेत्र की जनता की समस्याओं को हल नहीं कर सकते।"
तृणमूल कांग्रेस की सांसद शताब्दी रॉय का कहना है कि संसदीय कार्यवाही को लेकर उन्हें अभी भी भय लगता है। उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "मैं अधिक से अधिक सीखना चाहती हूं। संसदीय कार्यवाही को समझना मेरी प्राथमिकता है।"
उन्होंने कहा संसद में प्रदर्शन के मामले में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी, मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल, विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी और विपक्ष की उपनेता सुषमा स्वराज का जवाब नहीं है।
उत्तर प्रदेश के जालौन से समाजवादी पार्टी (सपा) के युवा सांसद घनश्याम अनुरागी इस बात से बेहद खुश हैं कि संसद सत्र के दौरान वह बुंदेलखंड के लोगों की समस्याओं को सदन के समक्ष बेहतर तरीके से रखने में सफल रहे।
वह कहते हैं, "बुंदेलखंड की समस्याओं से अब पूरा देश अवगत है। भविष्य में मैं फिर बुंदेलखंड के लोगों की समस्याओं पर सदन का ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास करूंगा।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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