स्वाइन फ्लू: पुणे में डॉक्टर की मौत
ससून अस्पताल प्रशासन के मुताबिक डा. बाबा साहेब माने को गत 5 अगस्त को स्वाइन फ्लू की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शनिवार को उनकी हालत अचानक खराब हो गई, जिस कारण उन्हें वेंटीलेटर पर रखना पड़ा। तमाम जीवनरक्षक दवाओं के बाद भी डॉक्टर को बचाया नहीं जा सका।
कुल मामलों की संख्या 864 हुई
इससे पहले इस बीमारी के चौथे शिकार गुजरात में एक एनआरआई प्रवीण पटेल हुए थे। इसके तीसरे शिकार थे पुणे के ही संजय कोकरे। उनकी भी मौत पुणे के इसी ससून अस्पताल में मौत हो गई थी।
स्वाइन फ्लू से मरने वाली दूसरी महिला मुंबई की थी, जबकि इस बीमारी की पहली शिकार पुणे की छात्रा रीदा शेख थी। इस बीच रविवार को फ्लू के 82 नए मामलों की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही देश में कुल पीड़ितों की संख्या 864 हो गई है।
महाराष्ट्र, गुजरात में हाई अलर्ट
तेजी से फैलती बीमारी की भयावहता को देखते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय ने मामले की निगरानी शुरू कर दी है। महाराष्ट्र और गुजरात प्रशासन को हाई अलर्ट कर दिया गया है। अब तक स्वाइन फ्लू से मौतें इन्हीं दोनों राज्यों में हुई है।
इंफ्लूएंजा ए (एच1एन1) वायरस के शिकार हुए संजय कोकरे एक गांव के स्कूल में शिक्षक थे। पुणे के सूसान अस्पताल में शनिवार की देर रात उनकी मौत हुई। गुजरात में एक अनिवासी भारतीय (एनआरआई) प्रवीण पटेल की अहमदाबाद में सिविल अस्पताल में रविवार को मौत हुई। वह अमेरिका के अटलांटा से एक सप्ताह पहले अहमदाबाद आए थे। उनकी पत्नी की हालत गंभीर बनी हुई है।
पीएम के निर्देश
मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रविवार को स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद को चिकित्सकों का एक दल गठित करने को कहा है जिससे लोगों में जागरूकता के लिए उचित जानकारी मुहैया कराई जा सके।
प्रधानमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया, "प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री से चिकित्सकों के एक पैनल का गठन करने को कहा है, जो स्वाइन फ्लू के बारे में लोगों को सही जानकारी उपलब्ध कराएगा।" मनमोहन सिंह ने कहा कि पैनल को मीडिया को भी उपयुक्त जानकारी देनी चाहिए जिससे कोई गलतफहमी पैदा न हो।
अधिकारी के अनुसार स्वास्थ्य मंत्री ने प्रधानमंत्री को आश्वस्त किया कि टैमीफ्लू का पर्याप्त भंडार है और जिन लोगों को वायरस से संक्रमित पाया जा रहा है उन्हें अलग रखा जा रहा है। आजाद ने आश्वासन दिया कि केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों से मिलेंगे और कैबिनेट सचिव को पूरी जानकारी से अवगत कराते रहेंगे।