बिहार के 26 जिले सूखाग्रस्त घोषित, राहत की घोषणा (लीड-1)
प्रधान सचिव गिरीश शंकर ने बैठक के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि सरकार ने किसानों को रबी फसल के लिए 50 प्रतिशत अनुदान देगी और फसल बचाने हेतु डीजल के लिए भी अनुदान देगी, ताकि किसान सिंचाई कर सके। इसके अलावा किसानों पर महंगाई एवं सूखे से बचाव के लिए जमाखोरी और कालाबाजारी के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा।
मंत्रिमंडल की बैठक में सूखाग्रस्त जिलों में सहकारिता ऋण वसूली स्थगित करने का निर्णय लिया गया।शंकर ने बताया कि इन जिलों में प्रत्येक परिवार को एक-एक क्विंटल अनाज और नकद 250 रुपए दिए जाएंगे। इसके लिए केन्द्र से भी मदद की भी गुहार लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र से मदद के लिए पूरा ब्योरा तैयार किया जा रहा है।
मंत्रिमंडल की बैठक में जिला से लेकर प्रखंड स्तर तक राहत कार्य की निगरानी के लिए सर्वदलीय निगरानी समिति बनाने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में स्वास्थ्य, पशु संसाधन तथा पेयजल के मुद्दे पर भी कई निर्णय लिए गए।
शंकर ने बताया कि पटना, नालंदा, भोजपुर, कैमूर, बांका, बेगूसराय, कटिहार, गया, बक्सर, रोहतास, जहानाबाद, अरवल, नवादा, औरंगाबाद, मुंगेर, जमुई, शेखपुरा, लखीसराय, भागलपुर, सारण, सीवान, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मधेपुरा, किशनगंज तथा वैशाली जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है।
शंकर ने बताया कि अन्य जिलों पर सरकार नजर रखेगी तथा आवश्यकता पड़ी तो उन्हें भी सूखाग्रस्त घोषित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सूखाग्रस्त जिलों में लोगों, खासकर किसानों को राहत देने के लिए कई योजनाओं की भी घोषणा की गई है। रविवार को पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसमें सूखे से निबटने के उपायों पर विचार किया गया था। बैठक में राज्य के सभी प्रमुख दलों के लोगों ने भाग लिया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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