कर्मचारियों की हड़ताल से देशभर के बैंकों में कामकाज ठप (लीड-2)
हड़ताल की वजह से बैंक संबंधी कामकाज नहीं हो पाने के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई शहरों में विभिन्न बैंकों की स्वचालित टेलर मशीन (एटीएम) के बाहर पैसे निकालने वालों की लंबी कतारें देखी गईं। कई स्थानों पर गुरुवार शाम को ही एटीएम में पैसे खत्म हो गए।
हड़ताल का आह्वान 'यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस' के तत्वावधान में किया गया है। यह फोरम विभिन्न बैंकों के नौ कर्मचारी संघों का प्रतिनिधित्व करता है।
ऑल इंडिया बैंक एंप्लाइज एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजन नागर ने कोलकाता में आईएएनएस से कहा, "सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और निजी क्षेत्र के बैंकों के करीब 10 लाख कर्मचारी हड़ताल पर हैं।"
हड़ताल में शामिल बेंगलुरू में स्थित एक यूनियन ऑल इंडिया स्टेट बैंक आफिसर्स फेडरेशन के सचिव के. एफ. मामदापुर ने कहा, "सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों अथवा उनकी शाखाओं में शनिवार तक कोई लेन-देन नहीं होगा।"
हड़ताल में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों के अलावा निजी बैंकों में कैथोलिक सीरियन बैंक और विदेशी बैंक एचएसबीसी के कर्मचारी शिरकत कर रहे हैं। यद्यपि, देश के सबसे बड़े निजी बैंक आईसीआईसीआई, एचडीएफसी और स्टैंडर्ड चार्टर्ड में कामकाज सुचारू रूप से चल रहा है।
हड़ताल पर गए कर्मचारियों की मुख्य मांगों में वेतन में वृद्धि, अवकाश प्राप्त करने के बाद की स्थिति के लिए एक बेहतर सामाजिक सुरक्षा और विकलांग या मृत कर्मचारियों के परिजनों के लिए नौकरी शामिल है।
कर्मचारियों की मांग वेतन में 20 प्रतिशत की वृद्धि करने की है जबकि बुधवार को भारतीय बैंक संघ ने 17.5 फीसदी की वृद्धि का प्रस्ताव दिया था, जिसे यूनियन ने खारिज कर दिया था। यह संघ बैंक प्रबंधनों का प्रतिनिधित्व करता है।
ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष एन.एस. विर्क ने कहा, "संघ हमारी भावनाओं के साथ खेल रहा है। शुरुआत में जब 17.5 फीसदी की वृद्धि पर सहमति बनी थी तब शर्त यह भी थी कि पेंशन का भार समान रूप से दोनों को वहन करना होगा। "
उन्होंने कहा कि यह बात तब सामने आई थी जब सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हो चुके थे।
बैंक कर्मचारियों का वेतन पुनरीक्षण नवंबर 2007 से लंबित है।
राजधानी में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की एक ग्राहक उषा रामाकृष्णन ने कहा, "मैं पैसा निकालने में सफल रही, लेकिन एक पे आर्डर बनवाने के लिए मुझे किसी निजी बैंक में जाना पड़ेगा।"
उत्तर प्रदेश की करीब 4,000 बैंक शाखाओं में हड़ताल के चलते कामकाज ठप रहा।
लखनऊ सहित प्रदेश के दूसरे शहरों में विभिन्न बैंकों की स्वचालित टेलर मशीनों (एटीएम) में लोगों की लंबी कतारें देखी गईं। कई एटीएम में पैसे खत्म हो गए थे इससे लोगों को परेशानी का भी सामना करना पड़ा।
उत्तर प्रदेश में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर आयोजित हड़ताल में करीब 1,50,000 बैंककर्मी शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के संयोजक अनिल कुमार श्रीवास्तव ने लखनऊ में आईएएनएस को बताया कि कुछ निजी बैंकों के एटीएम छोड़कर लखनऊ के लगभग 100 एटीएम मशीनों में पैसे खत्म हो चुके हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानी तो हड़ताल और ज्यादा खिंच सकती है, जिससे संकट और ज्यादा गहरा जाएगा।
मध्य प्रदेश में हड़ताल की वजह से लगभग 3,000 से अधिक बैंक शाखाओं में कामकाज ठप रहा। 'यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस' के आह्वान पर आयोजित हड़ताल में शामिल बैंककर्मियों ने जगह-जगह सभाएं कीं।
बिहार की राजधानी पटना में विभिन्न बैंकों के एटीएम के बाहर लोगों की भारी भीड़ देखी गई। धन की अधिक निकासी के कारण राजधानी के अधिकतर एटीएम में पैसे खत्म हो चुके हैं।
भारतीय स्टेट बैंक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ज़े एऩ सिंह ने गुरुवार को कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो हड़ताल को और बढ़ाया जा सकता है। पटना सहित राज्य के अन्य इलाकों में कर्मचारियों ने बैंकों के सामने धरने दिए।
कर्नाटक में सार्वजनिक क्षेत्र के साथ ही पुराने निजी बैंकों के करीब 80,000 कर्मचारी हैं जिसमें से 25,000 केवल बेंगलुरू में हैं जो कि हड़ताल में शामिल रहे। इसकी वजह से एटीएम मशीनों के बाहर पैसे निकालने वालों की लंबी कतारें लगी रहीं।
आंध्र प्रदेश में 26 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 10,000 शाखाएं बंद रहीं। प्रदेश की राजधानी हैदराबाद में भी एटीम मशीनों के बाहर काफी भीड़ रही।
पूर्वोत्तर के सात राज्यों में 30,000 बैंक कर्मचारियों ने आंदोलन में हिस्सा लिया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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