एसजीपीसी के आंतरिक मामलों में हरियाणा का हस्तक्षेप नहीं चलने देंगे : अकाली दल (लीड-1)
लोकसभा में गुरुवार को शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे पर अपनी पार्टी का पक्ष रखते हुए अजनाला ने कहा कि एसजीपीसी सिखों की निर्वाचित धार्मिक संस्था है जो समाज के सभी वर्गो के बीच धर्मार्थ कार्य करती है। यह देश विदेश में सिखों की आवाज भी बुलंद करती है। इसका गठन 1925 में हुआ था और इसे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का भी समर्थन प्राप्त था।
उन्होंने कहा, "सिख समुदाय ने देश के लिए ढेरों कुर्बानियां दी हैं। हरियाणा सरकार अब एसजीपीसी को बांटने और उसके आंतरिक मामलों में दखलअंदाजी करने की कोशिश कर रही है।"
उन्होंने कहा, "अलग एसजीपीसी के गठन को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एसजीपीसी के आंतरिक मामलों में हम हरियाणा सरकार को दखलअंदाजी नहीं करने देंगे। ऐसे किसी भी प्रयास को जोरदार विरोध होगा। हमें लड़ना आता है। हमारी बात नहीं मानी गई तो हम इसके लिए भी तैयार हैं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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