बिहार में 35 फीसदी ही हो पाई है धान की रोपनी
राज्य कृषि विभाग से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक नालंदा, पटना, बक्सर, भोजपुर, रोहतास, कैमूर, जहानाबाद, नवादा, गया और औरंगाबाद में बारिश काफी कम होने के कारण इन जिलों में मात्र 2.़22 लाख हेक्टेयर भूमि पर ही धान की फसल रोपी गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में करीब 75 फीसदी कम है। इसी तरह मुंगेर, शेखपुरा, जमुई, भागलपुर, बांका तथा लखीसराय जिलों में भी पिछले वर्ष की तुलना में करीब 70 फीसदी धान की रोपनी कम हुई है। कमोवेश यही स्थिति बिहार के अन्य जिलों की भी है।
उल्लेखनीय है कि बिहार में धान की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। आंकड़ों के मुताबिक राज्य में अब तक 35 फीसदी ही धान की रोपनी हो पाई है और जहां रोपनी हुई भी है वहां के किसानों के लिए फसल को बचा पाना एक बड़ी चुनौती है।
राज्य के कृषि विभाग के उप निदेशक संजय कुमार ने बुधवार को आईएएनएस को बताया कि राज्य में इस वर्ष 35.50 लाख हेक्टेयर भूमि में धान की खेती का लक्ष्य रखा गया था जिसमें 70.45 लाख टन धान की पैदावार करनी थी। लेकिन अब इस लक्ष्य को प्राप्त कर पाना असंभव हो गया है।
इधर, कृषि वैज्ञानिकों का मत है कि अगर भादो महीने में भी बारिश हो गई तो धान के उत्पादन के लक्ष्य तक फिर भी पहुंचा जा सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर 15 अगस्त तक भी धान की रोपनी हो जाती है तो उपज होने की संभावना रहती है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।