झारखंड में 26 अरब डॉलर की इस्पात परियोजनाएं लंबित
एसोचैम के मुताबिक आर्सेलर मित्तल, टाटा स्टील और अन्य इस्पात कंपनियां पिछले चार साल से राज्य सरकार से विभिन्न स्तरों पर मंजूरी का इंतजार कर रही हैं।
यहां एक सेमिनार में रिपोर्ट जारी करते हुए एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत ने कहा कि सरकार को अपनी मंजूरी प्रक्रिया को व्यवस्थित कर राज्य में औद्योगिकीकरण की गति को तेज करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर इस्पात परियोजनाओं को स्थापित कर दिया जाए तो राज्य में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से एक लाख नौकरियां पैदा होंगी।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सरकार को जमीन अधिग्रहण की एक स्पष्ट नीति बनानी चाहिए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि उद्योग जगत आकर्षक मुआवजा और विस्थापित लोगों को रोजगार देना चाहते हैं। ऐसे में सरकार के सहयोग से जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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