छोटी खेड़ी से भ्रूण के मृत होने की संभावना
वर्तमान तकनीक की सीमाओं के कारण खेड़ी के विकास की निगरानी नहीं हो पाती है। यह खेड़ी भ्रूण के लिए ठीक उसी तरह की भूमिका अदा करती है, जिस तरह की भूमिका कार में पेट्रोल टंकी की होती है।
अकेले अमेरिका में प्रति वर्ष 30,000 महिलाओं के गर्भ में भ्रूण की मौत हो जाती हैं। अभी तक इस बात का पता लगाना आसान नहीं हो पाया है कि खेड़ी के अंदर कितना भोज्य पदार्थ होता है।
अध्ययन के सह लेखक और येले स्कूल ऑफ मेडिसिन (वाइएसएम) में वैज्ञानिक हेव्रे जे.क्लिमैन ने कहा कि जिस तरह से कोई प्रसूति विशेषज्ञ भ्रूण के विकास के बारे में पता लगाने के लिए अल्ट्रासाउंड का सहारा लेता है या बाल रोग विशेषज्ञ बच्चे के सामान्य विकास का पता लगाने के लिए उसे मापते तौलते हैं, उसी तरह से खेड़ी के विकास की भी निगरानी की जा सकती है।
ये निष्कर्ष सोमवार को अमेरिकन जर्नल ऑफ पेरिनैटोलॉजी में प्रकाशित हुए हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।