बागमती कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर (लीड-1)
पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार बागमती चंदौली तथा बेनीबाद में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। कक्ष में पदस्थापित कार्यपालक अभियंता मुनीलाल रजक ने सोमवार को बताया कि चंदौली में बागमती खतरे के निशान से 0़14 मीटर तथा मधुबनी के बेनीबाद में 0.61 मीटर ऊपर बह रही है।
वाल्मीकीनगर स्थित बैराज में गंडक का जलस्राव 139400 क्यूसेक है। रजक ने बताया कि नेपाल के तराई क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण बिहार की नदियों के जलस्राव में लगातार परिवर्तन देखा जा रहा है।
इधर, कोसी नदी के जलस्राव में कमी दर्ज की गई है। बीरपुर बैराज के अधीक्षण अभियंता एम.एफ.हमीद के अनुसार बैराज के नीचे सोमवार सुबह कोसी का जलस्राव 1,17,737 क्यूसेक था जबकि रविवार को कोसी का जलस्राव 1,47,500 क्यूसेक था।
इस बीच बाढ़ का पानी सीतामढ़ी तथा मुजफ्फरपुर जिले के करीब 168 गांवों में फैल गया है। मुजफ्फरपुर और सीतामढ़ी के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 77 पर कोआही गांव के समीप दो फुट पानी बह रहा है।
सीतामढ़ी के जिलाधिकारी अंजनी कुमार वर्मा ने सोमवार को बताया कि अब तक सीतामढ़ी के 103 गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश किया है। उन्होंने बताया कि रविवार शाम हुई बारिश के कारण बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री पहुंचाने में दिक्कत जरूर हो रही थी लेकिन सोमवार को आसमान साफ होने के कारण राहत कार्य में तेजी लाई गई है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में तीन राहत शिविर खोले जाने हैं, जिसमें एक राहत शिविर प्रारंभ कर दिया गया है।
उधर, मुजफ्फरपुर जिले के करीब 65 गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है, लेकिन जिला प्रशासन इन गांवों में कुछ को आंशिक रूप से प्रभावित बता रहा है। जिलाधिकारी विपिन कुमार ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को चूड़ा, गुड़ तथा पॉलिथीन शीट बांटी जा रही है। उन्होंने कहा कि राहत कार्यो में राष्ट्रीय आपदा बल (एनडीआरएफ) के जवानों को लगाया गया है तथा बाढ़ में फंसे लोगों को बाहर निकालने का भी प्रयास किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों के हवाई सर्वेक्षण के बाद बाढ़ पीड़ित परिवारों को एक-एक क्विंटल अनाज और 2200-2200 रुपए देने की घोषणा की थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।