पांडा और परिवार की हत्या की गई होगी : रिश्तेदार
पुलिस का मानना है कि घोटाले में फंसे जगदानंद पांडा ने अपने पारिवारिक सदस्यों की हत्या कर खुद आत्महत्या कर ली।
उधर पांडा के चचेरे भाई व एक विशेष सरकारी वकील मुरलीधर ने पुलिस की उस कहानी को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया है कि प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी पांडा मानव तस्करी के एक मामले में संलिप्तता के आरोपों से तनाव में थे और इसी कारण उन्होंने अपने पारिवारिक सदस्यों की हत्या कर खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली।
मुरलीधर ने आईएएनएस से कहा, "घटनास्थल की परिस्थितियां आत्महत्या की कहानी के साथ मेल नहीं खातीं।"
उन्होंने कहा, "मैंने घटनास्थल का दौरा किया, अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया और अस्पताल में शवों को देखा। एक के बाद एक छह गोलियां दागी गई थीं जो कि किसी शार्प शूटर के लिए ही संभव था।"
मुरलीधर ने कहा, "पुलिस को इस बात का पता लगाना चाहिए कि पांडा और उनके परिवार को जान का कोई खतरा तो नहीं था। उनका बेटा नोएडा में एक निजी कंपनी में कार्यरत था। आखिर उसे घर क्यों बुलाया गया था?"
सिर में गोली लगने के बावजूद जिंदा बच गए पांडा के बेटे का एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। लेकिन उसकी हालत गंभीर बताई गई है।
मुरलीधर ने कहा, "जगदानंद को कार्यालय में छुट्टी पर जाने को कहा गया था। यदि मानव तस्करी के किसी मामले में वह दोषी थे तो उन्हें निलंबित किया जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।"
मुरलीधर ने कहा कि पांडा और उनके बेटे को जान का खतरा रहा होगा, तभी उन्होंने अपनी रिवाल्वर को शस्त्रागार से निकाला था, जिसे उन्होंने चार वर्ष पहले वहां जमा कर दिया था।
उन्होंने कहा, "मैं उन्हें करीब से जानता हूं। मैं नहीं समझता कि वह आत्महत्या कर सकते हैं या अपने प्रियजनों की हत्या कर सकते हैं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।