संरक्षणवाद से यूरोप से भारतीय व्यापार को धक्का : फिक्की
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार यूरोपीय बाजारों में संरक्षणवाद के उपायों का सबसे खराब प्रभाव भारतीय दवा और आईटी क्षेत्रों पर पड़ा है।
फिक्की के भारत-ईयू व्यापार संबंधों पर कराए सर्वेक्षण से पता चला है कि ईयू के किसानों को मुफ्त में बीज और खाद मिलने तथा मालभाड़े पर भारी पैमाने पर मिलने वाली सब्सिडी से भारतीय निर्यातक बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
इसके साथ ही गुणवत्ता परीक्षण के जटिल नियमों के कारण भारतीय कंपनियों की लागत में वृद्धि हुई है। फिक्की के सर्वेक्षण में कहा गया है कि हाल में कई जहाजों को ईयू के कई बंदरगाहों पर रोके जाने से मध्यम आकार की कई भारतीय कंपनियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।
सर्वेक्षण के अनुसार सेवा क्षेत्र में सबसे अधिक बाधा पेशेवरों को वीजा मिलने में देरी और करों के संबंध में अस्पष्टता है। आईटी कंपनियों को अपने कर्मचारियों के लिए 'वर्क परमिट' हासिल करने में काफी कठिनाई होती है।
बहरहाल सर्वेक्षण में शामिल अधिकांश लोगों ने ईयू को बहुत आकर्षक बाजार बताया और कहा कि अगले दो वर्षो में वे वहां अपना व्यापार बढ़ाने के रास्ते तलाश रहे हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।