देवघर में दुर्लभ बेलपत्रों की प्रदर्शनी
बेलपत्र प्रदर्शनी में पुरोहित समाज के ही लोग हिस्सा लेते हैं, जिनमें 'जनरैल', 'बरनैल' तथा 'बमबम बाबा' सहित पांच समाज के लोग शामिल हैं।
बैद्यनाथ धाम के पुजारी दिवाकर मिश्र बताते हैं कि यह प्रदर्शनी बांग्ला पंचांग के मुताबिक सावन माह में संक्रांति के बाद प्रत्येक सोमवार की शाम को मंदिर परिसर में लगती है। दुर्लभ बेलपत्रों को इकट्ठा कर चांदी के थाल में चिपकाया जाता है और मंदिर में चढ़ाने के बाद इसे प्रदर्शनी में शामिल किया जाता है।
एक अन्य पुजारी उदय शंकर मिश्र का कहना है कि ऐसा नहीं कि किसी भी बेलपत्र को प्रदर्शनी में लाया जा सकता है। इस प्रदर्शनी में उन्हीं बेलपत्रों को शामिल किया जाता है, जिनकी खोज पुजारी समाज के लोग खुद जंगलों से करते हैं। उन्होंने बताया कि स्थानीय त्रिकुट पर्वत पर आज भी ऐसे कई बेल के वृक्ष हैं जो दुर्लभ हैं। इन्हीं वृक्षों के बेलपत्रों को इकट्ठा किया जाता है।
मिश्र ने बताया कि प्रदर्शनी में शामिल बेलपत्रों में दुर्लभ बेलपत्रों की पहचान बुजुर्ग परोहित करते हैं। अंतिम सोमवार को सबसे दुर्लभ तथा अद्भुत बेलपत्र लाने वाले पुजारी समाज को पुरस्कृत किया जता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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