बागमती का तटबंध टूटा, कई नदियों में उफान (लीड-2)
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को तटबंध टूटने की घटना की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय दल भेजने का निर्देश दिया। जांच दल में जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव, आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव, दोनों विभागों के मंत्री तथा राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) के पदाधिकारी शामिल किए गए हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी के मुताबिक यह जांच दल शुक्रवार को सीतामढ़ी के रूनीसैदपुर प्रखंड में बागमती नदी के तटबंध की जांच करेगा। उन्होंने बताया कि प्रभावित गांवों में एनडीआरएफ की एक बटालियन भी भेजी जा रही है।
बाढ़ नियंत्रण कक्ष में पदस्थापित कार्यपालक अभियंता मनोज कुमार ने बताया कि तटबंध कट जाने के कारण रूनीसैदपुर प्रखंड के 12 गांवों में पानी प्रवेश कर गया है, जबकि कुछ गांवों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है।
इधर, मुजफ्फरपुर जिले के कटरा प्रखंड में लखनदेई नदी के तटबंध में दरार आ गई है, जिससे मोहनपुर, शहनौली, डुमरी, खंगूरा, धोबौली बकुची आदि गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। जिलाधिकारी विपिन कुमार ने बताया कि बकुची कृषि फॉर्म के समीप तटबंध में दरार की मरम्मत कर दी गई है।
इस बीच नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही बारिश के कारण बागमती तथा कमला नदियों में पानी बढ़ने का सिलसिला जारी है। ये दोनों नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जबकि अन्य नदियों में पानी सामान्य है।
पटना में बाढ़ नियंत्रण कक्ष में पदस्थापित कार्यपालक अभियंता वीरेन्द्र प्रसाद ने बताया कि बागमती सीतामढ़ी जिला के सोनाखान में खतरे के निशान से एक मीटर जबकि डूबाधार में खतरे के निशान से 1.32 मीटर ऊपर बह रही है। कमला बलान नदी झंझारपुर में रेल पुल के पास खतरे के निशान से1़ 77 मीटर ऊपर बह रही है।
वाल्मीकीनगर स्थित बैराज में गंडक के पानी के बढ़ने का सिलसिला जारी है। उन्होंने बताया कि शनिवार को सुबह आठ बजे बैराज के नीचे गंडक का जलस्राव 191200 क्यूसेक था।
बीरपुर बैराज के पास कोसी नदी में जलस्राव में कोई खास बढ़ोतरी नहीं हुई है। बैराज के अधीक्षण अभियंता एम.एफ. हमीद के अनुसार बैराज के नीचे शनिवार सुबह कोसी का जलस्राव 145800 क्यूसेक था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।