गुर्जरों को मिला 5 फीसदी आरक्षण
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार ने आखिरकार गुर्जरों को खुश कर दिया। यही नहीं गरीब सवर्णों को भी खुश करने में सरकार जरा भी पीछे नहीं हटी। गुरुवार को मुख्यमंत्री ने आरक्षण की घोषणा करते हुए कहा कि वो आर्थिक आधार पर आरक्षण देने के हित में थे और आखिरकार वही हुआ। उन्होंने बताया कि इस फैसले के बाद राजस्थान में कुल आरक्षण कोटा 68 फीसदी हो गया है।
क्यों करवाया इतना इंतजार
गहलौत सरकार ने गुर्जरों को आरक्षण देकर अपनी वाह-वाही तो लूट ली लेकिन यह उनका खुद का फार्मुला नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया की सरकार भी यही चाहती थी। विडंबना यह है कि जब 5 फीसदी ही आरक्षण देना था तो सरकार ने गुर्जरों को इतना इंतजार क्यों करवाया। आखिर उन्हें आंदोलन की राह पर क्यों जाने दिया।
पिछले साल हुआ गुर्जरों का आंदोलन कोई छोटा आंदोलन नहीं था। यह आंदोलन 100 से ज्यादा लोगों की मौत और करीब एक हजार करोड़ की संपत्ति के नुकसान का गवाह बना। इस आरक्षण के लिए गुर्जरों को सात साल इंतजार करना पड़ा।
महापड़ाव में विजय उत्सव मना
गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने राज्यपाल की मंजूरी पर खुशी जताते हुए आंदोलन खत्म करने का ऐलान कर दिया। बैंसला ने कहा, "मैं गुर्जर और सर्वसमाज की ओर से राज्यपाल और मुख्यमंत्री को आरक्षण विधेयक बिल को मंजूर होने पर धन्यवाद देता हूं।" इसी के साथ करौली में पिछले पांच दिन से चल रहा महापड़ाव विजय उत्सव के साथ समाप्त हो गया।