'राजस्थान देश का पहला राज्य है जिसने नरेगा संवाद शुरू किया'
उन्होंने कहा कि नरेगा के कार्यो की जांच के लिए सेवानिवृत्त अधिकारियों को पर्यवेक्षक के रूप में तैनात करने और सभी लोगों से संवाद की वजह से इनकी कमियों सामने आ रही हैं और खामियों को स्वीकारने का आशय केवल यही है कि हम दृढ़ता से सुधार चाहते हैं।
भरत सिंह नरेगा के जिला स्तरीय प्रशिक्षकों की पांच दिवसीय प्रशिक्षण समापन समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। लगातार पौने तीन घंटे तक लोगों के संवाद सुनने के बाद उन्होंने कहा कि मुझे आप लोगों से पूरे राज्य की सूचनाएं एवं जानकारियां मिल रही हैं जिससे हम गंभीरतापूर्वक उनके सुधार पर अमल कर सकेंगे।
भरत सिंह ने कहा कि इस योजना का यह चौथा साल है और शीघ्र ही आप सरकार की कार्रवाई से अवगत हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता से कमियां उजागर होती है और हम इन्हें ईमानदारी से लागू करना चाहते है। उन्होंने कहा कि कई बार शिकायतकर्ता का पता नहीं चलता और यदि शपथ पत्र लिया जाये तो झूठी शिकायतों से बचा जा सकता है, लेकिन तब लोग कहेंगे कि कोई गरीब सच बताए तो रोका जाता है।
मैग्सेसे पुरस्कार प्राप्त तथा संभागी अरूणा राय ने कहा कि राजस्थान ही नहीं देश में पहली बार इस किस्म के संवाद की शुरूआत हुई है। राज्य पर्यवेक्षकों ने ग्राम पंचायतों में हुई अनियमितताएं उजागर की। समारोह में संभागियों ने समूह चर्चा के सुझाव दिए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।