वामपंथियों ने लोकसभा से बहिर्गमन किया
नई दिल्ली, 31 जुलाई (आईएएनएस)। चार वामपंथी पार्टियों के सांसदों ने आर्थिक मंदी के कारण नौकरी से हाथ धो बैठे श्रमिकों के लिए राहत पैकेज की मांग को लेकर शुक्रवार को लोकसभा से बहिर्गमन किया।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) और फारवर्ड ब्लाक के कुल 24 सांसदों ने आरोप लगाया कि सरकार ने सिर्फ कॉरपोरेट सेक्टर के लिए राहत पैकेज की घोषणा की है, सरकार ने उन लोगों के लिए कुछ नहीं किया है, जिन्हें औद्योगिक इकाइयों के बंद होने के कारण अपनी-अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा है।
नौकरियां गंवा चुके लोगों के लिए सरकार द्वारा किए गए उपायों की जानकारी के लिए माकपा और भाकपा द्वारा पेश किए गए एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान वामपंथियों ने अपनी यह मांग रखी।
यह प्रस्ताव गुरुदास दासगुप्ता (भाकपा) और बासुदेव आचार्य व ए.संपत (माकपा) की ओर से संयुक्त रूप से पेश किया गया।
वामपंथी सांसदों ने उस समय सदन का बहिर्गमन किया, जब श्रम व रोजगार मंत्री मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने जवाब में सदन को बताया कि सरकार द्वारा दिए गए तीन राहत पैकेजों के सकारात्मक प्रभाव रोजगार सेक्टर को भी लाभ पहुंचाएंगे।
इस पर वामपंथियों ने मात्र कॉरपोरेट सेक्टर को राहत पैकेज देने और श्रमिकों की उपेक्षा करने का सरकार पर आरोप लगाया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।