अधिवक्ता आर. के. आनंद अदालत की अवमानना के दोषी करार (लीड-1)
न्यायाधीश बी.एन.अग्रवाल, जी.एस.सिंघवी और आफताब आलम की खंडपीठ ने आनंद को नोटिस जारी किया और दिल्ली के बीएमडब्ल्यू मामले के मुख्य अभियुक्त संजीव नंदा को बचाने के लिए अभियोजन पक्ष के वकील आई.यू.खान के साथ षड़यंत्र रचने के लिए उनके खिलाफ आए दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा।
यद्यपि, सर्वोच्च न्यायालय ने अभियोजन पक्ष के वकील आई. यू. खान को न्यायालय की अवमानना से बरी कर दिया।
ज्ञात हो कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली की किसी भी अदालत में आनंद को वकालत करने पर चार माह का प्रतिबंध लगा दिया था। अदालत ने उनसे वरिष्ठ वकील का तमगा भी वापस ले लिया था और उन पर दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया था।
खंडपीठ ने आनंद द्वारा दाखिल याचिका को रद्द करते हुए उच्च न्यायायल द्वारा अदालत की अवमानना का दोषी ठहराए जाने के फैसले को बरकरार रखा।
खंडपीठ ने इस मामले में समाचार चैनल एनडीटीवी द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन पर भी अपनी मुहर लगा दी। स्टिंग ऑपरेशन में ही दिखाया गया था कि आनंद बीएमडब्ल्यू मामले को लंबा खींचने के लिए खान के साथ षडयंत्र रच रहे थे।
इधर कांग्रेस पार्टी ने अदालत की अवमानना के मामले में दोषी करार दिए गए वकील आर. के. आनंद से खुद को दूर कर लिया है। आनंद ने कांग्रेस पार्टी के टिकट पर 2004 में लोकसभा का चुनाव लड़ा था।
पार्टी प्रवक्ता शकील अहमद ने आईएएनएस से कहा, "यह आनंद और न्यायालय के बीच का मामला है। हमें इस मामले पर कोई राजनीतिक बयान नहीं देना है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।