संयुक्त बयान पर सोनिया ने मनमोहन के सुर में सुर मिलाया (लीड-1)
कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में सोनिया ने कहा, "किसी को पाकिस्तान के बारे में हमारी पार्टी की स्थिति पर संदेह नहीं होना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "हम पाकिस्तान के साथ वार्ता शुरू करने का समर्थन करते हैं, लेकिन केवल तब, जब वह मुंबई पर हमला करने वाले आतंकवादियों को न्याय के कटघरे में खड़ा करने और देश के किसी भी हिस्से में आतंकवादी हमले के लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं होने देने के अपने वादे को पूरा करता है।"
सोनिया ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी सकारात्मक बातचीत को शुरू करने के लिए पाकिस्तान को ये कदम उठाने ही होंगे।
पाकिस्तान से पनपने वाले आतंकवाद से निपटने के बारे में राष्ट्रीय सहमति से परे नहीं जाने के प्रधानमंत्री के बयान का समर्थन करते हुए सोनिया ने कहा कि अपने पड़ोसी देशों के संदर्भ में भारत की विदेश नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
बुधवार को प्रधानमंत्री ने लोकसभा में भारत-पाक के बीच 16 जुलाई को जारी संयुक्त बयान बहस जवाब देते हुए कहा था कि अगर सीमा पार से आतंकवाद जारी रहा तो द्विपक्षीय बातचीत आगे नहीं बढ़ सकती।
केंद्र में नई सरकार के गठन के बाद संसद के पहले सत्र के खत्म होने से एक सप्ताह पहले सोनिया ने सदन में उपस्थिति में कमी पर निराशा जताते हुए पार्टी सांसदों को जनता से किए गए वादों की याद भी दिलाई।
सोनिया ने कहा, "आप जल्द ही अपने राज्यों और क्षेत्रों में जाएंगे। मुझे पूरी उम्मीद है कि आप अपने क्षेत्र के सपंर्क में रहेंगे और जनता की मांग और जरूरतों पर ध्यान देंगे।"
उन्होंने कहा, "अब हमारी पार्टी से ही बड़ी संख्या में लोग मंत्री हैं। मैं अपने अनुभव के आधार आप लोगों से कह रही हूं। मेरा कहना है कि जनप्रतिनिधि से उम्मीद और मांग हमेशा बढ़ती है और ऐसा होना भी चाहिए।"
सोनिया ने सभी मंत्रियों से कहा कि वे सांसदों के क्षेत्रों में विकास को लेकर उनके सहयोग के लिए समय निकालें। उन्होंने कहा, "इससे उन राज्यों में खास बदलाव दिखेगा जहां हम सत्ता में नहीं हैं।"
कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी सांसदों के समक्ष राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा), शिक्षा के अधिकार, पुनर्वास अध्यादेश और प्रस्तावित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का भी उल्लेख किया।
सोनिया ने संसद के इस सत्र में महत्वपूर्ण विधेयकों के पेश किए जाने के दौरान सांसदों की अनुपस्थिति पर नाखुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, "हमारे मुख्य सचेतक के लिए आप लोगों को अहम मौकों पर एकत्र कर पाना कठिन काम है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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