सर्वोच्च न्यायालय के सामने नहीं आए मुशर्रफ
मुशर्रफ के शीर्ष कानूनी सलाहकार मलिक कय्यूम बुधवार को न्यायालय के सामने पेश हुए, जहां प्रधान न्यायाधीश इफ्तिखार मुहम्मद चौधरी की अध्यक्षता में 14 न्यायाधीशों की एक पीठ पूर्व राष्ट्रपति की कार्यवाही के खिलाफ याचिका दायर करने वाले हामिद खान के तर्को की सुनवाई कर रही थी।
कय्यूम ने समाचार पत्र 'द न्यूज' से कहा, "मैं नहीं जानता कि सर्वोच्च न्यायालय क्या करेगा, लेकिन राजद्रोह का मामला बन सकता है।"
मुशर्रफ के प्रतिनिधि के तौर पर कय्यूम न्यायालय में उपस्थित थे। लंदन में रह रहे पूर्व राष्ट्रपति से कोई निर्देश नहीं मिलने के कारण वह बैठे रहे।
कय्यूम ने कहा कि तीन नवंबर की घोषणा और बाद में अन्य कार्यो को असंवैधानिक घोषित करने का सर्वोच्च न्यायालय को पूरा अधिकार है।
उल्लेखनीय है कि संघीय सरकार के मुशर्रफ का बचाव करने से इंकार करने के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने 24 जुलाई को मुशर्रफ को एक सम्मन जारी करके उन्हें स्वयं या अपने वकील के माध्यम से न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश दिया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।