गिलानी ने मनमोहन के कौशल को सराहा
स्थानीय समाचार चैनलों की खबरों के मुताबिक गिलानी ने कहा, "मैं दक्षिण एशिया में शांति बहाली के मनमोहन के खुले प्रयासों और उनके व्यक्तित्व की प्रशंसा करता हूं।"
गिलानी ने कहा, "शर्म अल-शेख में हम दोनों ने उपयोगी वार्ता और खुले दिमाग से मुलाकात की थी। हमारे बीच यह सहमति थी कि आतंकवाद दोनों देशों के लिए खतरा है। हमने यह भी माना कि आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता बातचीत है।"
मनमोहन ने सम्मानजनक ढंग से दिया महत्व
भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा शांति के लिए व्यक्त की गई भावनाओं का समर्थन करते हुए गिलानी ने कहा कि मनमोहन ने भारत और पाकिस्तान के बीच मसलों को सम्मानजनक ढंग से हल किए जाने के महत्व पर सही जोर दिया है।
गौरतलब है कि बुधवार को मनमोहन ने कहा था कि पाकिस्तान के साथ बातचीत के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि अगर पाकिस्तानी धरती से भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियां चलती रहीं तो आगे बढ़ना संभव नहीं होगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।