जलवायु परिवर्तन पर नीति में कोई बदलाव नहीं : मनमोहन सिंह
लोकसभा में एक बहस के दौरान जवाब देते हुए मनमोहन सिंह ने कहा, "यह भारत और किसी अन्य देश के बीच या फिर देशों के किसी समूह का कोई द्विपक्षीय घोषणा पत्र नहीं है। यह एक ऐसी घोषणा है जो 17 विकसित और विकासशील देशों के एक साझा विचार को प्रस्तुत करती है।"
मनमोहन सिंह ने कहा, "भारत का यह विचार है कि जलवायु परिवर्तन जारी है और इसके विपरीत प्रभाव भारत जैसे विकासशील देशों पर ज्यादा असर डालेंगे। इस विचार को सभी मंचों पर मजबूती के साथ व्यक्त किया गया है।"
प्रधानमंत्री ने कहा, "एक दस्तावेज में एक संभावित सीमा रेखा के रूप में दो डिग्री सेल्सियस की वृद्धि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचलित एक वैज्ञानिक विचार को प्रदर्शित करता है और जलवायु परिवर्तन से खतरों के बारे में भारत द्वारा कही गई बातों को ही सत्यापित करता है।"
प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया कि भारत ने पहली बार दो डिग्री सेल्सियस को वैश्विक कार्रवाई के लिए एक संभावित सीमा रेखा के रूप में संदर्भ के रूप में स्वीकार किया है। 'लेकिन यह पूरी तरह जलवायु परिवर्तन पर हमारे पक्ष के अनुकूल है।'
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।