कंसल्टैंट कंपनियों पर दिल्ली मेट्रो की गाज, मगर काम समय पर पूरा होने का दावा (राउंडअप)
इसके साथ ही डीएमआरसी ने यह भी कहा कि सभी मेट्रो परियोजनाएं अगले वर्ष होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों से पहले पूरी कर ली जाएंगी।
डीएमआरसी के प्रमुख ई.श्रीधरन ने संवाददाताओं से कहा, "मैं स्पष्ट कर दूं कि जल्दबाजी की कोई जरूरत नहीं है। हम समयसीमा के भीतर काम पूरा कर लेंगे।"
उन्होंने कहा, "मैंने पहले भी कहा था कि जमरूदपुर में घटी दुर्घटना के कारण उस लाइन पर काम पूरा होने में तीन महीने की देरी होगी लेकिन फेज दो की पूरी परियोजना को राष्ट्रमंडल खेलों के पहले पूरा होने पर उसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।"
श्रीधरन ने कहा, "कोलकाता मेट्रो का काम पूरा होने में 22 वर्ष लगे थे। दिल्ली मेट्रो का फेज एक सात साल में पूरा हुआ था। फेज दो का काम उससे कम समय में पूरा होगा।"
श्रीधरन ने इस बात के भी संकेत दिए कि निर्माण कंपनी गैमन इंडिया को काली सूची में डाले जाने से छूट मिल सकती है क्योंकि परियोजनाएं समय पर पूरा करना बहुत जरूरी है।
श्रीधरन ने कहा कि डिजाइन सलाहकार 'आर्क कंसल्टेंसी सर्विसिज' को पांच वर्ष के लिए काली सूची में डाल दिया गया है, वहीं डीएमआरसी को सही सलाह नहीं देने के लिए स्ट्रक्च रल कंसल्टेंट 'टंडन कंसल्टेंट' को दो वर्ष के लिए प्रतिबंधित किया जा रहा है।
यह निर्णय डीएमआरसी द्वारा नियुक्त एक जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है।
डीएमआरसी के निदेशक विजय आनंद जिनके कार्यक्षेत्र में दुर्घटना हुई थी, को वापस रेलवे में भेज दिया गया है।
कार्यस्थल की डिजाइन और निरीक्षण के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार दो उप मुख्य इंजीनियरों वी.पी.श्रीवास्तव और मुकेश ठाकुर को निलंबित कर दिया गया है।
डीएमआरसी के मुख्य डिजाइन इंजीनियर राजन कटारिया को बड़े दंड के लिए आरोप पत्र जारी किया जाएगा।
इसके अलावा डीएमआरसी ने जनरल कंसल्टैंट के साथ काम कर रहे एक अमेरिकी विशेषज्ञ सी.मैलोंगा के खिलाफ भी कार्रवाई की है।
श्रीधरन ने संवाददाताओं से कहा, "गैमन इंडिया मेट्रो फेज दो के पांच प्रमुख प्रोजेक्ट में शामिल है। अगर इसे काली सूची में डाला जाता है तो प्रोजेक्ट में छह से आठ महीने की देरी हो सकती है।"
श्रीधरन ने कहा, "दुर्भाग्य से हमारे बीच बड़ी कंपनियां नहीं है, ऐसे में हमें गैमन इंडिया की जरूरत है। लेकिन हम उसे कारण बताओ नोटिस भेजेंगे जिसमें पूछा जाएगा कि उसे क्यों न दो साल के लिए काली सूची में डाल दिया जाए। गैमन को जवाब देने के लिए 21 दिन का समय दिया जाएगा और जवाब मिलने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।"
मेट्रो प्रमुख ने कहा कि भविष्य में किसी भी ऐसी दुर्घटना से बचने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) ने भविष्य में सभी डिजाइनों की दोहरी जांच का फैसला किया है।
उन्होंने कहा, "डीएमआरसी ने किसी भी डिजाइन के आने पर संपूर्ण रूप से अपने डिजाइन कार्यालय पर निर्भर नहीं रहने का निर्णय लिया है। सामान्य सलाहकार या एक स्वतंत्र डिजाइन कार्यालय इसकी जांच करेगा और तब वह डीएमआरसी के डिजाइन कार्यालय को भेजा जाएगा। इससे डिजाइन की दोहरी जांच होगी।"
डीएमआरसी ने सभी कर्मचारियों को सुरक्षा नियमों की जानकारी देने के लिए निर्माण स्थलों पर तीन दिन का संक्षिप्त पाठ्यक्रम आरंभ किया है। अगले 15 दिनों के भीतर सभी कर्मचारियों को इस कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित कर दिया जाएगा।
इससे पहले मंगलवार को शहरी विकास मंत्री एस.जयपाल रेड्डी ने संसद को सूचित किया था कि निर्माण कंपनी गैमन इंडिया को दो वर्षो के लिए काली सूची में डाला जा सकता है।
रेड्डी ने कहा कि आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर ए.के.नागपाल की अध्यक्षता में दुर्घटना की जांच के लिए नियुक्त समिति ने कैंटिलीवर आर्म की डिजाइन में गंभीर कमियां पाईं और यह भी पाया कि निर्माण में प्रयोग कंक्रीट पर्याप्त मजबूत नहीं था।
रेड्डी ने लोकसभा में बताया कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने डिजाइन परामर्शदाता को काली सूची में डालने के साथ ही कुछ वरिष्ठ अधिकारियों पर भी कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया है।
हादसे से सबक लेते हुए भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए मेट्रो ने 10 कदम उठाए हैं।
गैमन इंडिया केंद्रीय सचिवालय-बदरपुर मेट्रो लाइन का निर्माण कर रही थी, जिस पर दुर्घटना हुई थी। गैमन द्वारा बनाई जा रही यमुना बैंक-नोएडा मेट्रो लाइन के खंभों में भी दरारें मिली हैं।
डीएमआरसी के अनुसार पिछले एक दशक से मेट्रो निर्माण के दौरान अब तक विभिन्न हादसों में 90 लोगों की मौत हो चुकी है।
इससे पहले महालेखा और नियंत्रक परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में भी मेट्रो के निर्माण में गुणवत्ता के खराब प्रबंधन के लिए डीएमआरसी की खिंचाई की थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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