आरोपों से आहत उमर अब्दुल्ला ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया (राउंडअप-इंट्रो)
मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने विधानसभा में घोषणा की कि जब तक वह इस मामले में निर्दोष साबित नहीं हो जाते तब तक मुख्यमंत्री पद से दूर रहेंगे। इस घोषणा के साथ ही वह विधानसभा से बाहर निकल गए। उनकी पार्टी के सदस्यों ने उन्हें रोकने और समझाने की काफी कोशिशें की, लेकिन सब बेकार साबित हुई।
लेकिन राज्यपाल एन.एन.वोहरा की ओर से इस बारे में कुछ भी नहीं कहा गया है कि उन्होंने मुख्यमंत्री का इस्तीफा स्वीकार किया है या नहीं।
राजभवन के एक प्रवक्ता ने कहा कि राज्यपाल ने विधानसभा के सचिव से विधानसभा की दिनभर की कार्यवाही से संबंधित सभी रिकॉर्ड और दस्तावेज मंगाए हैं, जिसके दौरान पीडीपी नेता मुजफ्फर हुसैन बेग ने मुख्यमंत्री का नाम सेक्स कांड में घसीटा था।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा है कि पीडीपी द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों की पूर्णरूप से जांच की जाए और यदि उन आरोपों को सही पाया जाए तो मुख्यमंत्री पद से उनका इस्तीफा तत्काल स्वीकार कर लिया जाए।
हालांकि मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार देविंदर राणा ने मीडिया को बताया कि उमर अब्दुल्ला ने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन राज्यपाल ने कोई वैकल्पिक व्यवस्था होने तक उनसे पद पर बने रहने को कहा है।
इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा है कि सीबीआई द्वारा सौंपी गई आरोपियों की सूची में उमर का नाम शामिल नहीं है।
यह मुद्दा अचानक आज विधानसभा में फिर से उस समय गरमा गया, जब पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के वरिष्ठ नेता मुजफ्फर हुसैन बेग ने एक सूची सौंपते हुए कहा कि सीबीआई द्वारा तैयार सूची में उमर का नाम 102वें नंबर है।
बेग ने सेक्स कांड में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की कथित संलिप्तता की जांच कराने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि उनके पिता फारुक अब्दुल्ला भी इस कांड में लिप्त हैं।
बाद में संवाददाताओं से बातचीत में बेग ने कहा, "हम जांच कराना चाहते हैं..सीबीआई को पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय पहुंचने दीजिए और उसकी देखरेख में जांच करने दीजिए या फिर सर्वोच्च न्यायालय का कोई सेवानिवृत्त न्यायाधीश इसकी जांच करे।"
बेग ने माना कि यह सिर्फ आरोप है और उन्होंने कहा कि उन्हें या उनकी पार्टी को इसकी कोई चिंता नहीं है कि उमर इस्तीफा देते हैं या नहीं। यह उन्हें तय करना है कि वे इस्तीफा दें या पद पर बने रहें।
बेग ने कहा, "उमर के पिता का नाम भी इसमें शामिल है।..यह 38 वें नंबर पर है। मैंने सदन में उनका नाम इसलिए नहीं लिया क्योंकि सदन के सदस्य नहीं हैं।"
सदन में बेग के आरोप लगाने के तत्काल बाद उमर अपने स्थान से उठे और बोले कि ऐसे हालात में वह राज्य के मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रह सकते। उन्होंने कहा कि जब तक यह दाग नहीं मिटेगा तब तक वह इस पद पर नहीं रहेंगे।
भावुक उमर ने कहा, "आज सदन की कार्यवाही समाप्त होते ही मैं राज्यपाल के पास जाकर अपना इस्तीफा सौंप दूंगा। जब तक मेरा नाम आरोपियों की सूची से नहीं हटता तब तक मैं मुख्यमंत्री के रूप में काम नहीं कर सकता।"
उमर आगे की कार्रवाई पर विचार करने के लिए वहां से अपने आवास चले गए। उनके पिता एवं नेकां अध्यक्ष तथा केंद्रीय मंत्री फारुक अब्दुल्ला मंगलवार को श्रीनगर में ही थे और नई दिल्ली लौट रहे थे लेकिन इस संकट की जानकारी मिलते ही वह हवाई अड्डे से लौट आए।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2006 में श्रीनगर में एक नाबालिग लड़की ने राज्य के राजनीतिज्ञों, प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों पर बलात्कार का आरोप लगाया था।
इस पर भड़के जनाक्रोश के बाद जम्मू एवं कश्मीर उच्च न्यायालय ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए जांच का जिम्मा केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया था। सीबीआई ने इस मामले में आरोप पत्र दाखिल किया था और इस मुकदमे की सुनवाई पंजाब की एक सत्र अदालत में लंबित है।
उधर, नई दिल्ली में गृह मंत्री चिदम्बरम ने स्पष्ट किया है कि वर्ष 2006 के सेक्स कांड में सीबीआई द्वारा की गई जांच में उमर अब्दुल्ला का नाम कहीं सामने नहीं आया है।
चिदम्बरम ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "सीबीआई ने इस मामले की जांच पूरी कर ली है। इस मामले में जिन 17 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर हुआ है, उनमें उमर अब्दुल्ला का नाम नहीं है।"
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक इस मामले की स्थिति रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेज दी गई है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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