दो वर्ष के लिए काली सूची में डाली जा सकती है गैमन इंडिया (लीड-1)

By Staff
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नई दिल्ली, 28 जुलाई (आईएएनएस)। दिल्ली के जमरूदपुर मेट्रो रेल निर्माण स्थल पर हुई दुर्घटना की जांच करने वाली समिति के डिजाइन और उपयोग की सामग्री में गड़बड़ी पाने के बाद मंगलवार को शहरी विकास मंत्री एस.जयपाल रेड्डी ने संसद को सूचित किया कि निर्माण कंपनी गैमन इंडिया दो वर्ष के लिए काली सूची में डाली जा सकती है।

रेड्डी ने कहा कि आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर ए.के.नागपाल की अध्यक्षता में दुर्घटना की जांच के लिए नियुक्त समिति ने कैंटिलीवर आर्म की डिजाइन में गंभीर कमियां पाईं और यह भी पाया कि निर्माण में प्रयोग कंक्रीट पर्याप्त मजबूत नहीं था।

रेड्डी ने लोकसभा में बताया कि दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) ने डिजाइन परामर्शदाता को काली सूची में डालने के साथ ही कुछ वरिष्ठ अधिकारियों पर भी कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया है।

हादसे से सबक लेते हुए भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए मेट्रो ने 10 कदम उठाए हैं।

उन्होंने कहा कि डिजाइन सलाहकार 'आर्क कंसल्टेंसी सर्विसिज' को पांच वर्ष के लिए काली सूची में डाल दिया गया है, वहीं डीएमआरसी को सही सलाह नहीं देने के लिए स्ट्रक्च रल कंसल्टेंट 'टंडन कंसल्टेंट' को दो वर्ष के लिए प्रतिबंधित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि कांट्रैक्टर गैमन इंडिया को कारण बताओ नोटिस जारी करके यह पूछा जाएगा कि क्यों न उसे दो वर्ष के लिए काली सूची में डाल दिया जाए।

गैमन इंडिया केंद्रीय सचिवालय-बदरपुर मेट्रो लाइन का निर्माण कर रही थी, जिस पर दुर्घटना हुई थी। गैमन द्वारा बनाई जा रही यमुना बैंक-नोएडा मेट्रो लाइन के खंभों में भी दरारें मिली हैं।

रेड्डी ने बताया कि डीएमआरसी के निदेशक विजय आनंद जिनके कार्यक्षेत्र में ताजा दुर्घटना हुई और इससे पहले भी एक दुर्घटना हुई थी, को वापस रेलवे में भेज दिया गया।

रेड्डी ने सदन को सूचित किया कि कार्यस्थल की डिजाइन और निरीक्षण के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार दो उप मुख्य इंजीनियरों वी.पी.श्रीवास्तव और मुकेश ठाकुर को निलंबित कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि डीएमआरसी के मुख्य डिजाइन इंजीनियर राजन कटारिया को बड़े दंड के लिए आरोप पत्र जारी किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि 12 जुलाई को जमरूदपुर मेट्रो निर्माण स्थल पर हुए हादसे में एक इंजीनियर सहित छह कर्मचारियों की मौत हुई थी।

डीएमआरसी के अनुसार पिछले एक दशक से मेट्रो निर्माण के दौरान अब तक विभिन्न हादसों में 90 लोगों की मौत हो चुकी है।

इससे पहले महालेखा और नियंत्रक परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में भी मेट्रो के निर्माण में गुणवत्ता के खराब प्रबंधन के लिए डीएमआसी की खिंचाई की थी।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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