विदेश नीति पर बाहरी दबाव हावी : आडवाणी

By Staff
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विदेश नीति से जुड़े मुद्दों पर आडवाणी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपकर उन्हें अपनी आपत्तियों से अवगत कराया। राजग सांसदों ने इस मसले पर राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग की।

राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से चर्चा में आडवाणी ने कहा, "देश के पहले प्रधानमंत्री स्वर्गीय जवाहरलाल नेहरूके जमाने से हमारी विदेश नीति स्वतंत्र रही है और हम किसी भी महाशक्ति के आगे झुके नहीं है लेकिन आज ऐसा लगता है कि हमारी विदेश नीति से स्वतंत्रता के अंश का त्याग कर दिया गया है और एक नए प्रकार की विदेश नीति अपना ली गई है जिस पर बाहरी दबाव साफ झलकता है।"

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने हाल के दिनों में जो समझौते किए हैं उससे कई आशंकाएं पैदा होती है।

प्रधानमंत्री ने हाल ही में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के साथ मिलकर एक साझा बयान जारी किया था। इस साझा बयान में दो बातें उल्लेखनीय है। मुंबई हमले के बाद प्रधानमंत्री ने संसद और संसद के बाहर कहा था कि आतंकवाद के मुददे पर पाकिस्तान जब तक संतोषजनक कार्रवाई नहीं करता तब तक उसके साथ कोई वार्ता नहीं होगी लेकिन साझा बयान पर हस्ताक्षर कर प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करे या न करे वार्ता जारी रहेगी।

आडवाणी ने कहा कि साझा बयान में बलूचिस्तान का जिक्र कर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री वाहवाही लूट रहे हैं। पाकिस्तान के साथ किसी भी प्रकार के साझा बयान में आज तक बलूचिस्तान का जिक्र नहीं आया था। पाकिस्तान अब खुलकर कह रहा है कि बलूचिस्तान में गड़बड़ी में भारत का हाथ है।

उन्होंने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के हाल ही के भारत दौरे के दौरान हुए अंतिम उपयोगकर्ता निगरानी समझौते (एंड यूज मॉनिटरिंग एग्रीमेंट) के बारे में भी राष्ट्रपति को उन्होंने अपनी आपत्तियों से अवगत कराया।

आडवाणी ने कहा कि इसके अलावा जलवायु परिवर्तन और अमेरिका के साथ हुए आणविक समझौते के सिलसिले में भी हमने राष्ट्रपति को अपनी चिंताओं से अवगत कराया है।

उन्होंने कहा कि राजग ने राष्ट्रपति से विदेश नीति से जुड़े इन मसलों पर हस्तक्षेप करने और सरकार को उचित सलाह देने की मांग की है।

राष्ट्रपति से मिलने गए प्रतिनिधिमंडल में जनता दल (युनाइटेड) के अध्यक्ष शरद यादव, राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष राजनाथ सिंह, शिरोमणि अकाली दल के रतन सिंह अजनाला सहित राजग के लगभग सभी सांसद शामिल थे।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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