दिल्ली हाट में 'तीज महोत्सव' संपन्न
महोत्सव में तीनों दिन राजस्थान पर्यटन विभाग की ओर से सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। सांस्कृतिक संध्या में राजस्थान के 60 से अधिक लोक कलाकारों ने अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से समा बांधा। बड़ी संख्या में मौजूद दर्शक राजस्थानी लोकसंगीत और नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियों से मंत्र मुग्ध हो गए।
कार्यक्रम की शुरूआत जयपुर के रामसरन और साथी कलाकारों ने भवाई-नृत्य से की। उन्होंने सिर पर मटके रखकर गजब का सतुंलन बनाते हुए हैरत अंगेज नृत्य से दर्शकों की वाह-वाही लूटी। शेखावटी से आए कलाकारों ने कच्छी घोड़ी और भोपा-भोपी नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का मनोरंजन किया।
भरतपुर के डीग क्षेत्र से आए कलाकारों ने मधुर नृत्य की आकर्षक प्रस्तुति से कृष्ण लीला और सावन के अद्भुत नजारे प्रस्तुत किए। टोंक की कुमारी ज्योति और साथी कलाकारों ने झूमर नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोहा।
कार्यक्रम का चरमोत्कर्ष जयपुर से आई मोरू सपेरा और कलाकारों द्वारा प्रस्तुत 'कालबेलियां नृत्य' रहा। जैसलमेर के लंगा मांगणियार कलाकारों ने दिलकश संगीत से समा बांधा, जबकि अशोक शर्मा ने विभिन्न प्रकार की आवाजें निकाल कर दर्शकों का मनोरंजन किया। कार्यक्रम का संचालन राजस्थान पर्यटन के सहायक निदेशक अजय शर्मा और सहायक पर्यटक अधिकारी आर.के.सेनी ने किया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।