धूमल ने कारगिल शहीदों को दी भावभीनी श्रद्धांजलि
विजय दिवस के अवसर पर कारगिल शहीदों को श्रद्घांजलि अर्पित करते हुए प्रो़ प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि इस युद्घ में प्रदेश के 52 वीर सपूतों ने दुश्मनों को मुंह तोड़ जवाब देते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी। कारगिल युद्ध के लिए प्रदान किए गए कुल चार परमवीर चक्रों में दो हिमाचल प्रदेश के जांबाज़ों को मिले थे।
इनमें से एक परमवीर चक्र कैप्टन विक्रम बत्रा को मरणोपरांत मिला जबकि दूसरा परमवीर चक्र राइफलमैन संजय कुमार को मिला है। इसके अतिरिक्त, प्रदेश के 5 जवानों को इस युद्ध में अद्वितीय साहसिक कौशल का परिचय देने के लिए वीर चक्र से सम्मानित किया गया जिनमें ल़े सौरभ कालिया भी एक थे, जिन्हें मरणोपरांत यह गौरव प्रदान किया गया।
मुख्यमंत्री ने सेवारत सैनिकों, पूर्व सैनिकों व उनके परिवार के कल्याण के प्रति अपनी सरकार की वचनबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि देश की सशस्त्र सेनाओं में हिमाचल प्रदेश का हमेशा ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश से एक लाख, 21 हजार सैनिक सशस्त्र सेवाओं में कार्यरत हैं और एक लाख से अधिक पूर्व सैनिक हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल युद्घ में अपनी जान देने वाले 52 सैनिकों में से 40 सैनिकों के परिवारों के एक-एक व्यक्ति को रोज़गार प्रदान किया गया है,जबकि शेष 12 परिवारों के बच्चों को नाबालिग होने की वजह से अभी तक रोज़गार नहीं दिया जा सका। जब वे पात्र हो जाएंगे तो सरकार उनको रोजगार देने के लिए वचनबद्घ है। इसके अतिरिक्त, गम्भीर रूप से घायल हुए 9 सैनिकों के एक-एक बच्चे को भी सरकार ने रोजगार दिया है।
प्रो़ प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि कारगिल युद्घ के बाद देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए शहीद अथवा घायल हुए 267 सैनिकों को भी आर्थिक सहायता प्रदान की गई है।
उन्होंने कहा कि कारगिल युद्घ के 39 मामलों को पैट्रोल पम्म और एल़पीज़ी़ एजेंसियां मंजूर करने की सिफारिश की गई थी, जिनमें से 24 मामलों में स्वीकृति प्राप्त की गई, बाकी मामलों में प्रक्रिया जारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल युद्घ के उपरांत उनकी सरकार ने वर्ष 1999 में 'मुख्यमंत्री सैनिक कल्याण निधि' का गठन किया था, जिसमें से अभी तक सैनिकों के कल्याणार्थ 12़31 करोड़ रुपये स्वीकृत किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने सैनिकों के लिए अलग से सैनिक कल्याण विभाग का गठन भी किया है ताकि सैनिकों का कल्याण सुनिश्चित बनाया जा सके। इसके साथ-साथ पूर्व सैनिकों के पुनर्वास के दृष्टिगत 'पूर्व सैनिक निगम' की स्थापना भी की गई है।
प्रो़ धूमल ने कहा कि सैनिकों के प्रति सम्मानस्वरूप प्रदेश सरकार ने उनकी वार्षिक भत्ता राशि में वृद्घि की है। परमवीर चक्र विजेता के लिए यह राशि 4500 से बढ़ाकर 1़25 लाख रुपये, अशोक चक्र विजेता के लिए 3600 से बढ़ाकर एक लाख रुपये, कीर्ति चक्र विजेता के लिए 3330 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये तथा वीर चक्र विजेता के लिए यह राशि 2400 रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये की गई है। इसके अलावा, अन्य बहादुरी एवं विशिष्ट पदक विजेताओं के वार्षिक भत्ते को भी दोगुना किया गया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।