भारत के साथ हथियार सौदा नहीं : नेपाली प्रधानमंत्री (लीड-1)
रविवार को एक संसदीय समिति के समक्ष भारत के साथ हथियार सौदे और अन्य आतंरिक मामलों पर गठबंधन सरकार का रुख स्पष्ट करते हुए माधव कुमार नेपाल ने कहा कि उनकी सरकार ऐसा कुछ भी नहीं करेगी, जिससे जारी शांति प्रक्रिया खतरे में पड़ जाए।
नेपाल ने इन अटकलों को भी खारिज कर दिया कि उनकी सरकार देश में राष्ट्रपति शासन लगाने की तैयारी में है।
विदेश मामलों की एक समिति को संबोधित करते हुए नेपाल ने कहा कि रक्षा मंत्री विद्या देवी भंडारी की भारत यात्रा और नई दिल्ली के साथ हथियारों के संभावित समझौते को लेकर अनावश्यक चर्चाएं की जा रही हैं।
प्रधानमंत्री का यह बयान विपक्षी एकीकृत कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी) द्वारा सार्वजनिक तौर पर लगाए गए आरोपों के बाद आया है।
नेपाली रक्षा मंत्री भंडारी 20 जुलाई को छह दिवसीय यात्रा पर स्वास्थ्य लाभ के लिए भारत गई थीं। बताया गया था कि दिल्ली के अपोलो अस्पताल में वह उपचार के लिए भारत गई हैं हालांकि इस दौरे पर उन्होंने भारतीय रक्षा मंत्री ए. के. एंटनी और विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की थी।
नेपाल के विदेश मामलों के सलाहकार राजन भट्टराई ने आईएएनएस से कहा, "प्रधानमंत्री के अनुसार हथियार खरीद के लिए भारत के साथ किसी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किया गया है।"
संविधान सभा की सबसे बड़ी पार्टी एकीकृत कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी) ने रक्षा मंत्री के भारत दौरे को देश में राष्ट्रपति शासन लगाने का साजिश करार दिया है। उसने कहा कि सेना के सहयोग से राष्ट्रपति शासन का षडयंत्र रचा जा रहा है। सेना देश में शांति प्रक्रिया में बाधा पैदा कर रही है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।