परमाणु पनडुब्बी का जलावतरण, प्रधानमंत्री ने ऐतिहासिक उपलब्धि बताया (लीड-1)
प्रधानमंत्री की पत्नी गुरशरण कौर ने आईएनएस अरिहंत का जलावतरण किया।
इस अवसर पर मनमोहन सिंह ने आश्वस्त किया कि पनडुब्बी का विकास आक्रमण या किसी को धमकाने के लिए नहीं किया गया वरन यह देश की सुरक्षा के सभी उपायों को अपनाने के लिए आवश्यक था और दुनिया में प्रौद्योगिकीय विकास के साथ शांति जारी रखेगा।
उन्होंने उन्नत प्रौद्योगिकी वाहन कार्यक्रम (एटीवी) और परमाणु पनडुब्बी के डिजाइन और निर्माण से जुड़े लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह बड़ी प्रौद्योगिकीय विशेषज्ञता और देश के शोध और विकास संगठनों की क्षमता को प्रदर्शित करता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, "आज हमने पांच देशों के उस चुनिंदा समूह में स्थान बना लिया, जिनके पास परमाणु पनडुब्बी बनाने की क्षमता है।" अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन अन्य देश हैं, जिनके पास यह क्षमता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पनडुब्बी निर्माण खुद में एक बड़ा कार्य है। देश की पहली परमाणु पनडुब्बी का निर्माण एक विशेष उपलब्धि है।
उन्होंने कहा, "हमारा कोई आक्रमणात्मक उद्देश्य नहीं है और न ही हम किसी को धमकाना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि हमारे क्षेत्र और उससे परे बाहरी वातावरण हमारे शांतिपूर्ण विकास के अनुकूल रहे और हमारे सिद्धांत सुरक्षित रहें।"
व्यापक समुद्री परीक्षणों के बाद आईएनएस अरिहंत को नौसेना में शामिल किया जाएगा। आईएनएस अरिहंत देश में बनने वाली तीन परमाणु पनडुब्बियों में से पहली है।
उल्लेखनीय है कि जम्मू और कश्मीर के कारगिल में पाकिस्तानी घुसपैठियों के खिलाफ भारतीय सेना की जीत की खुशी में 26 जुलाई को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।