मुंबई में दोहरे विस्फोट मामले में सोमवार को आ सकता है फैसला
मुंबई, 26 जुलाई (आईएएनएस)। गेट वे ऑफ इंडिया और झावेरी बाजार में छह साल पहले हुए दोहरे बम विस्फोट मामले में मुंबई की एक विशेष अदालत ने सोमवार को अपना फैसला सुना सकती है। इन धमाकों में 53 लोगों की मौत हो गई थी।
वर्ष 2003 की 25 अगस्त को लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने गेट वे ऑफ इंडिया और झावेरी बाजार में दो वाहनों को विस्फोटकों से उड़ा दिया था। आतंकवादियों ने वर्ष 2002 के गुजरात दंगों का बदला लेने के लिए इन घटनाओं को अंजाम देने की बात कही थी।
इस मामले की जांच के दौरान मुंबई पुलिस मुख्य आरोपी हनीफ सईद, उसकी पत्नी फहिमीदा, अशरत शीफीक अंसारी, जाहिद यूसुफ पटनी, रिजवान लड्डवाला और ए. शेख बैटरीवाला को गिरफ्तार कर चुकी है।
आरोपियों के वकील एस. कुंजुरामन ने कहा, "इस मामले के आरोपियों के खिलाफ कुल चार मामले दर्ज किए गए थे। जांच के दौरान 101 प्रत्यक्षदर्शियों से आतंकवाद निरोधक अधिनियम (पोटा) की विशेष अदालत में पूछताछ की गई।"
उन्होंने कहा, "यदि पोटा की विशेष अदालत के न्यायाधीश एम. आर. पुराणिक इन आरोपियों को दोषी ठहराते हैं तो उन्हें अधिक से अधिक मौत की सजा दी जा सकती है।"
इस मामले में जाहिद यूसुफ पटनी जून 2004 में सरकारी गवाह बनने को तैयार हो गया था और उसने इन हमलों में अपनी भूमिका स्वीकार की थी।
उसने यह भी खुलासा किया था कि कैसे वह दुबई में रहा करता था जहां उसकी मुलाकात हनीफ से हुई। वहां उनकी कुछ और लोगों से मुलाकात हुई जिन्होंने उन्हें गुजरात दंगों का बदला लेने के लिए उत्तेजित किया।
पटनी ने यह भी खुलासा किया था कि मुंबई में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए लश्कर-ए-तैयबा की ओर से उसे मुखिया बनाया गया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।