पाक को सैन्य सहायता पर सशर्त मंजूरी
दोनों दलों द्वारा लाए गए इस संशोधन को डेमोक्रेट राबर्ट मेनेन्डेज और रिपब्लिकन बॉब कोरकर ने पेश किया। इसके अनुसार पाकिस्तान को सैन्य सहायता और क्लिंटन सहायता कोष से धन देने से पहले विदेश और रक्षा मंत्री को यह प्रमाण पत्र देना होगा कि यह देश के सुरक्षा हित के लिए आवश्यक है और इसके कारण क्षेत्र में शक्ति संतुलन प्रभावित नहीं होगा।
ध्यान रहे कहीं और खर्च न हो धन
मेनेन्डेज ने कहा कि आठ वर्षो के दौरान करीब सात अरब डॉलर की अमेरिकी सहायता के बावजूद पाकिस्तानी सेना पाक-अफगान सीमा पर तालिबान और अलकायदा के फिर से संगठित होने से रोक नहीं पाई। कोरकर ने कहा कि वह अपनी सीमा से आतंकवादियों के सफाए में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए पाकिस्तान की सराहना करते हैं लेकिन इसके साथ ही यह भी आवश्यक है कि अमेरिकी करदाता आश्वस्त हों कि सैन्य सहायता का उपयोग दूसरी मदों में नहीं किया जाए।
मेनेन्डेज-कोरकर संशोधन ऐसे समय में सामने आया है, जब सांसदों में इस बात को लेकर आशंका बढ़ रही है कि पाकिस्तान अमेरिका से प्राप्त सैन्य सहायता का उपयोग भारत के खिलाफ सैनिक तैयारी के लिए कर रहा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।