अंतिम उपयोगकर्ता समझौते से अमेरिका को रक्षा स्थलों पर पहुंचने का अधिकार नहीं
ज्ञात हो कि शुरुआती चिंताओं के बावजूद भारत, अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के दौरे के दौरान अंतिम उपयोगकर्ता संधि के लिए राजी हो गया, जो अमेरिका द्वारा भारत को बेचे जाने वाले हथियारों और संवेदनशील प्रौद्योगिकियों के अंतिम इस्तेमाल की निगरानी करने तथा यह सुनिश्चित कराने का अमेरिका को अधिकार प्रदान करेगा कि उन्हें किसी अन्य देश को स्थानांतरित न किया जा सके।
इस समझौते को लेकर विपक्षी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और वामपंथी पार्टियों ने सरकार की जमकर आलोचना की। इन पार्टियों ने इस समझौते के तहत शस्त्रागारों को अमेरिकी निरीक्षण के लिए खोल कर देश की संप्रभुता के साथ खिलवाड़ करने का सरकार पर आरोप लगाया।
लेकिन इन आरोपों को खारिज करते हुए आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि यह समझौता अमेरिका को रक्षा ठिकानों तक पहुंचने की इजाजत नहीं देता। इसके बदले यह देश के लिए उच्च रक्षा प्रौद्योगिकी के विकल्पों के द्वारा खोलता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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