सब्बरवाल के सहयोगी की हत्या का सुराग देने वाले को 50 हजार रुपये इनाम (लीड-1)

By Staff
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दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने आईएएनएस से कहा कि पुलिस आयुक्त वाई. एस. डडवाल ने परमिंदर सिंह की हत्या का सुराग देने वाले को 50 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की है। इसके साथ ही उन्होंने स्पेशल सेल को इस मामले की जांच में उत्तरी जिला पुलिस को मदद करने का निर्देश दिया है।

मध्य प्रदेश में उज्जैन के एक कॉलेज में अगस्त 2006 में छात्रों की पिटाई से मारे गए प्रोफेसर एच. एस. सब्बरवाल के बेटे हिमांशु सब्बरवाल के एक करीबी सहयोगी की गुरुवार रात को दिल्ली विश्वविद्यालय परिसर में हत्या कर दी गई।

इस मामले में अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। हिमांशु की गुड़गांव स्थित विज्ञापन एजेंसी में एकाउंटेंट की नौकरी करने वाले परमिंदर सिंह का शव विश्वविद्यालय परिसर के मौरिस नगर क्षेत्र में सड़क के किनारे गुरुवार रात साढ़े ग्यारह बजे बरामद किया गया था। उसके शरीर पर छह से सात जख्म मिले थे।

उत्तरी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त सागर प्रीत हूडा ने आईएएनएस से कहा कि हिमांशु को दोबारा पूछताछ के लिए शनिवार को बुलाया गया था।

उन्होंने कहा कि अभी इस मामले में जांच की जा रही है और अभी इससे अधिक कुछ भी खुलासा नहीं किया जा सकता।

पुलिस ने अभी हत्या के पीछे डकैती की मंशा को खारिज किया है क्योंकि सिंह की मोटरसाइकिल उनके शव के पास ही मिली थी। हालांकि उनके मोबाइल का अब तक पता नहीं चल सका है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार सिंह, हिमांशु और उनकी दोस्त पूजा कनाट प्लेस में शाम को 5.30 बजे पार्क इन रेस्तरां में मिले। सिंह अपनी मोटरसाइकिल पर आए थे जबकि हिमांशु और पूजा कार से आए थे।

इन लोगों ने योजना बनाई कि प्रो. सब्बरवाल हत्याकांड में न्याय की मांग को लेकर इंडिया गेट पर रविवार को होने वाले कैंडिल लाइट मार्च के बारे में वे दिल्ली विश्वविद्यालय में रात 8 से 11 बजे तक पोस्टर चिपकाएंगे।

हिमांशु और पूजा कार से जबकि सिंह मोटरसाइकिल से विश्वविद्यालय की ओर रवाना हुए। विश्वविद्याल में उन्हें सैफ मिला जो कि रामजस कालेज का छात्र नेता है। चारों एक-दूसरे को पहले से जानते थे क्योंकि ये एनजीओ उदय फाउंडेशन से जुड़े थे।

बताया जाता है हिमांशु ने पूछताछ में हत्या के पीछे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कुछ सदस्यों के नाम लिए हैं। हालांकि एबीवीपी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र की एक अदालत ने 13 जुलाई को अपने फैसले में प्रो. सब्बरवाल की मौत मामले में एबीवीपी से जुड़े छह आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था। 'जस्टिस फॉर प्रोफेसर सब्बरवाल' कैंडिल लाइट प्रदर्शन रविवार को इंडिया गेट पर शाम 4.30 बजे से 6.30 बजे तक आयोजित किया गया है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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