मप्र में डाक्टरों की हड़ताल छठे दिन भी जारी रही
मध्य प्रदेश जूनियर डाक्टर्स एसोसिएशन (एमपीजेडीए) के प्रदेश महासचिव अनिल शेजवार ने आईएएनएस से कहा, "राज्य सरकार के प्रतिनिधि स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव विजया श्रीवास्तव और चिकित्सा शिक्षा संचालक वी. के. सैनी के साथ हमारी वार्ता हुई लेकिन वह विफल रही।"
प्रदेश सरकार पहले हड़ताल खत्म करने की बात पर अड़ी है तो हड़ताली चिकित्सक पहले मांगे पूरी कराना चाहते हैं। हड़ताली चिकित्सकों और सरकार के रुख ने मरीजों की सेहत बिगाड़ कर रख दी है।
प्रदेश के पांच चिकित्सा महाविद्यालयों के जूनियर चिकित्सक सोमवार से हड़ताल पर हैं। हड़ताल के पांचवे दिन शुक्रवार को सरकार के प्रतिनिधियों और जूनियर चिकित्सकों के बीच कई दौर की बातचीत हुई, मगर कोई नतीजा नहीं निकला।
स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव विजया श्रीवास्तव और चिकित्सा शिक्षा संचालक वी. के. सैनी ने जूनियर चिकित्सकों से बातचीत की, वहीं स्वास्थ्य मंत्री अनूप मिश्रा ने हड़ताली चिकित्सकों से साफ लहजे में कह दिया कि पहले वे हड़ताल खत्म करें, उसके बाद कोई निर्णय होगा।
जूनियर चिकित्सकों के प्रदेश महासचिव डा. अनिल शेजवार ने बताया कि वार्ता विफल हो गई है और हड़ताल जारी रहेगी।
मालूम हो कि सरकार 1100 हड़ताली जूनियर चिकित्सकों को निष्कासित करने के साथ स्वास्थ्य सेवाओं को अत्यावश्यक (एस्मा) घोषित कर चुकी है। इसके बावजूद जूनियर चिकित्सक अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं।
जूनियर चिकित्सकों और सरकार के रुख ने सबसे ज्यादा मुश्किलें मरीजों की बढ़ा दी है। मरीज अस्पताल छोड़कर भागने को मजबूर हैं। चिकित्सा महाविद्यालयों के अस्पतालों के कई वाड़रें में तो सन्नाटा नजर आने लगा है।
मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनूप मिश्रा ने कहा कि चिकित्सकों की मांग पर तभी विचार किया जाएगा जब वे पहले हड़ताल खत्म कर देंगे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।