पूर्व गोरखा सैनिक ब्रिटिश अभिनेत्री से करेंगे फरियाद
नेपाली सैनिकों के लिए ब्रिटिश सैनिकों के समान अधिकारों की मांग को लेकर ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ रहे गोरखा एसोसिएशन ऑफ एक्स सर्विसमैन (जीएईओएस) के उपाध्यक्ष कृष्ण बहादुर रे कहते हैं, "यहां कई सारे गोरखा सैनिक हैं जिन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अपने एक हाथ या पैर गंवा बैठे और उनके पास अपने जीवकोपार्जन के लिए अब कोई जरिया नहीं है।"
ब्रिटिश सरकार द्वारा उपेक्षित हजारों पूर्व गोरखा सैनिक अब अगले सप्ताह अपनी पीड़ा का बयान ब्रिटिश अभिनेत्री जोन्ना लुमले से करेंगे। लुमले ने इन पूर्व सैनिकों के लिए ब्रिटेन में निवास के समान अधिकार, समान वेतन व पेंशन की मांगों के लिए आवाज बुलंद की है। इस कारण वह इस समुदाय की नेता बन गई हैं।
भारत में पैदा हुई 63 वर्षीय इस ब्रिटिश अभिनेत्री ने गोरखाओं की लड़ाई का बीड़ा इसलिए उठाया है, क्योंकि उसके दिवंगत पिता मेजर जेम्स रदरफोर्ड लुमले ब्रिटिश आर्मी में 6 गोरखा राइफल्स में कार्यरत थे और युद्ध के दौरान एक नेपाली सैनिक ने उनकी जान बचाई थी। तुल बहादुर पुन नामक उस नेपाली सैनिक को विक्टोरिया क्रॉस प्रदान किया गया था।
रे ने कहा, "लुमले ने गोरखाओं के लिए अपनी आवाज बुलंद की है। इसलिए पूर्व सैनिकों ने उनसे नेपाल आकर पूर्व सैनिकों की दीन दशा को देखने के लिए कहा है ताकि वह ब्रिटिश लोगों से यह बता सकें कि जिन सैनिकों ने ब्रिटेन के लिए लड़ा था उनके साथ किस तरह का उपेक्षापूर्ण बरताव किया गया है।" लुमले रविवार को काठमांडू पहुंच रही हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।