चिदंबरम का मुशर्रफ के कारगिल संबंधी बयान पर टिप्पणी से इंकार

By Staff
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होशियारपुर, 25 जुलाई (आईएएनएस)। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की 1999 के कारगिल अभियान के बारे में की गई टिप्पणी पर गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने शनिवार को कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।

मुशर्रफ ने इस अभियान को अपने देश के लिए बड़ी सफलता बताते हुए कहा था कि इसी की वजह से उनका देश भारत को कश्मीर मसले पर बातचीत शुरू करने पर राजी कर सका।

टीवी चैनलों द्वारा मुशर्रफ की उक्त टिप्पणी के बारे में पूछने पर चिदंबरम ने टका सा जवाब देते हुए कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ नहीं कहना।

चिदंबरम यहां खरकां के निकट सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के शिविर में 180 महिला प्रशिक्षुओं की पासिंग आउट परेड की सलामी लेने आए थे। ये महिलाएं पहली बार अंतर्राष्ट्रीय सीमा की निगहबानी करेंगी।

वर्ष 1999 में सेना प्रमुख रहे मुशर्रफ ने एक साक्षात्कार में कहा कि कारगिल अभियान एक बड़ी कामयाबी था क्योंकि उसने भारत को कश्मीर के मसले पर बातचीत करने के लिए विवश कर दिया।

मुशर्रफ ने 'डेविल्स एडवोकेट' कार्यक्रम के दौरान साक्षात्कारकर्ता करन थापर के प्रश्नों के जवाब में कहा, "हां, यह बड़ी कामयाबी थी क्योंकि इसका भारतीय पक्ष के रवैये पर भी खासा असर पड़ा। नहीं तो हम कश्मीर विवाद पर चर्चा कैसे शुरु करते?"

गृहमंत्री ने बलूचिस्तान के मसले पर भारत और पाकिस्तान के बीच उपजे ताजा विवाद पर भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।

पाकिस्तानी मीडिया ने इस सप्ताह खबर दी कि पाकिस्तान सरकार ने भारत सरकार को एक दस्तावेज सौंपकर पाकिस्तानी सूबे में अशांति पैदा करने का आरोप लगाया है।

इस दस्तावेज में श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर हमले के पीछे भी भारत का हाथ होने का आरोप लगाया गया है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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