मानसून की बेरुखी से उप्र में बढ़ा सूखे का खतरा
मौसम विभाग के मुताबिक राज्य के 71 जिलों में से 31 में अब तक सामान्य से 40 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई। 12 जिलों में सामान्य से 80 फीसदी कम बारिश हुई है। आने वाले दिनों में भी राज्य में भारी बारिश के संभावना नजर नहीं आ रही है।
मौसम विभाग के निदेशक जे.पी. गुप्ता ने शुक्रवार को आईएएनएस को बताया कि बंगाल के खाड़ी से आने वाली नम हवाओं का रुख अब दक्षिणी राज्यों की तरफ हो गया है। इस कारण उत्तर प्रदेश पर कम दबाव का क्षेत्र नहीं बन पा रहा है।
प्रदेश के हर जिले में एक से 22 जुलाई के बीच औसतन 125.9 मिलीमीटर बारिश हुई जबकि सामान्य तौर पर इस दौरान 298.7 मिलीमीटर बरसात होनी चाहिए थी।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक से 22 जुलाई के बीच में सामान्य से 58 फीसदी कम 139.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। राजधानी लखनऊ में सामान्य से 57 फीसदी कम और कानपुर में सामान्य से 49 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई।
कृषि विभाग के मुताबिक कम बारिश के कारण इस साल धान की पैदावार 35 से 40 फीसदी कम होने की संभावना है। राज्य में सूखे की स्थिति की मद्देनजर सरकार ने किसानों को मोटे अनाज वाली फसलें बोने की सलाह दी है, जिनमें कम सिंचाई की आवश्कता होती है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।