बिल गेट्स ने कहा, अमेरिका में पेशेवरों का प्रवेश रोकना बड़ी भूल होगी (लीड-1)
उन्होंने 1.17 अरब देशवासियों को विशिष्ट पहचान पत्र उपलब्ध कराने की परियोजना में सहयोग करने की भी इच्छा जताई।
अपने फाउंडेशन के कल्याणकारी कामों के संदर्भ में दिल्ली आए बिल गेट्स ने देश के व्यापारिक जगत के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात में कहा, "मैं कोई अनुमान नहीं लगा सकता। आव्रजन नीति अधिक कठोर हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो यह एक बड़ी भूल होगी। "
नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज (नास्कॉम) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, "अमेरिकी कांग्रेस आव्रजन के मुद्दे पर अड़ी हुई है। लेकिन कुशल और सक्षम लोगों के लिए क्यों नहीं एक अपवाद बनाया जा सकता है।"
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की टिप्पणी पर पूछे गए एक सवाल पर गेट्स ने कहा कि अमेरिका का रोजगार बाजार कहीं और स्थानांतरित नहीं हुआ है। ओबामा ने कहा था कि वह बुफैलो की बजाय बंगलुरू से नौकरियों को आउटसोर्स करना पसंद नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि यदि हम आंकड़ें देखे तो भारत में 1,800 अमेरिकी काम कर रहे हैं।
वर्तमान में अपना अधिकतर समय बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के कामों में लगाने वाले गेट्स हमेशा से प्रवासी पेशेवरों के समर्थन में मुखर रहे हैं। इसका परिणाम उनकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट में प्रवासी पेशेवरों की संख्या के रूप में देखा जा सकता है।
नास्कॉम के मुताबिक वर्ष 2008 में अमेरिकी कार्यक्रम के तहत वहां प्रवेश करने वाले 409,619 पेशेवरों में से 157,726 भारतीय थे। यह संख्या वर्ष 2007 की तुलना तीन हजार कम है।
बिल गेट्स में देश में शुरू की गई विशिष्ट पहचान पत्र परियोजना को शानदार शुरुआत करार देते हुए कहा, "मैं इस परियोजना को लेकर काफी उत्साहित हूं। हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि प्रत्येक आंकड़ा सही हो, एक मोबाइल फोन नंबर से लेकर किसी भी चीज के बारे में।"
गेट्स ने कहा कि परियोजना के बारे में चर्चा के लिए वह नंदन नीलेकणी से शुक्रवार रात मुलाकात करेंगे। नीलेकणी विशिष्ट पहचान पत्र प्राधिकरण के प्रमुख हैं।
गेट्स अपने फाउंडेशन की तरफ से शांति, निशस्त्रीकरण और विकास के क्षेत्र में काम करने के लिए इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार ग्रहण करने दिल्ली आए हुए हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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