मुंबई हमले के मामले में एफबीआई की गवाही संभव
विशेष सरकारी वकील उज्जवल निकम ने कहा कि आतंकवादी हमले की जांच में सहयोग करने वाले एफबीआई अधिकारियों की गवाही हमले के पीछे के षडयंत्र को उजागर कर सकता है और पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकवादी कसाब पर शिकंजा कसने में महत्वपूर्ण हो सकता है।
निकम ने विशेष न्यायाधीश एम.एल.ताहिलयानी से आग्रह किया कि एफबीआई दल के जिन छह अधिकारियों के नाम लिफाफे में सौंपे गए हैं,उनका खुलासा नहीं किया जाना चाहिए।
कुछ तकनीकी विशेषज्ञों के साथ इन अधिकारियों ने जांच में सहयोग किया था और इस वर्ष के आरंभ में कसाब से पूछताछ की थी।
मुंबई हमले के लिए 11,500 पेज का आरोप पत्र दाखिल करते हुए मुंबई के सहायक पुलिस आयुक्त (अपराध) राकेश मारिया ने संकेत दिया था कि 2,202 गवाहों के साथ ही न्यायालय एफबीआई के कुछ अधिकारियों से भी गवाही ले सकती है।
न्यायाधीश ताहिलयानी ने एफबीआई के दल की न्यायालय में खुली या कैमरे से गवाही सहित अन्य मामलों पर सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले न्यायालय ने कसाब के इकबालिया बयान को स्वीकार कर लिया और कहा कि मुकदमा जारी रहेगा।
निकम ने कहा था कि कसाब का बयान तब तक स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए, जब तक कि वह आतंकवादी हमले के षडयंत्र का पूरा सच नहीं बताता।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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