मंदी के बावजूद उपभोक्ता उत्पाद सेक्टर में 15 फीसदी की बढ़ोतरी
औद्योगिक संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) और बाजार पर नजर रखने वाली संस्था टेक्न ोपैक कंसल्टैंट की ओर से संयुक्त रूप से तैयार रिपोर्ट में कहा गया है, "आमतौर पर आर्थिक मंदी के समय में उपभोक्ता टिकाऊ और अन्य पूंजीगत खर्चो में कटौती करते हैं लेकिन दैनिक जरूरतों की चीजों में कटौती नहीं की जा सकती।"
वर्तमान में उपभोक्ता उत्पाद उद्योग 120,000 करोड़ रुपये का है जिसके वर्ष 2018 तक बढ़कर 35.5 खरब रुपये का होने का अनुमान है।
इस दौरान ग्रामीण भारत में मांग में काफी बढ़ोतरी होने की संभावना है। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) जैसी योजनाओं के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में आय बढ़ने से उपभोग भी बढ़ने की संभावना है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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