आतंकवाद से निपटने के लिए गुप्त सूचनाओं का आदान-प्रादान हो:कृष्णा (लीड-1)
मनीष चांद
फुकेट (थाईलैंड), 23 जुलाई (आईएएनएस)। विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा ने गुरुवार को 16वें आसियान शिखर मंच (एआरएफ) में पाकिस्तान का नाम लिए बगैर 'आतंकवादी गतिविधियों का गढ़ बन चुके भारत के पड़ोसी' की ओर एशियाई देशों का ध्यान आकृष्ट किया।
कृष्णा ने खुफिया जानकारियों के त्वरित आदान-प्रदान और आतंकवादियों के नेटवर्क से निपटने में कारगर सहयोग का आह्वान किया।
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने मुंबई हमलों और देश में आतंकवाद की अन्य घटनाओं में पाकिस्तान का हाथ होने का जिक्र किया, विदेश मंत्री ने कहा, "पाकिस्तान का नाम लिए बगैर मैंने मुंबई आतंकी हमलों का उल्लेख किया। हमने आतंकवाद का गढ़ बन चुके पड़ोसी मुल्क का जिक्र किया।"
कृष्णा ने कहा कि उन्होंने 27 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में आतंकवाद का मसला प्रमुखता से उठाया। इस बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के अलावा अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन भी मौजूद थीं।
कृष्णा और कुरैशी के बीच बुधवार को सिर्फ दुआ-सलाम हुई, कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं हुई। कृष्णा ने कहा कि वह सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा के अधिवेशन के दौरान कुरैशी से मुलाकात कर सकते हैं।
कृष्णा ने कहा, "आतंकवाद से पीड़ित एक और देश होने के नाते भारत ने अपील की कि आतंक किसी सरहद तक सीमित नहीं है और वह ज्यादा खतरनाक रूप अख्तियार कर चुका है ऐसे में इसका कारगर जवाब दिया जाना जरूरी है।"
उन्होंने कहा, "खुफिया जानकारियों के आदान-प्रदान में व्यापक सहयोग की जरूरत है। हमें आतंकवाद से कारगर ढंग से निपटना होगा।"
इंडो-एशियन न्यूज एजेंसी।